________________ 3 [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / द्वादशमों विभागः तण छेयंगुलि कम्मार वीरघोस महिसिंदु दसपलिय। बिइइंदसम्म ऊरण बयरीए दाहिणुक्कुरुडे // 465 // तइयमवच्चं भजा कहिही नाहं तो पिउवयंसो / दाहिणवायाल-सुवरण-बालुगाकंटए वत्थं // 466 // उत्तरवाचालंतर-वणसंडे चंडकोसियो सप्पो / न डहे चिंता सरणं जोइस कोवा हि जागोऽहं // 467 // उत्तखायाला नागसेण खीरेण भोयणं दिव्या / सेयवियाए पएसी पंचरहे निजरायाणो // 468 // सुरहिपुर सिद्धजत्तो गंगा कोसिय विऊ य खेमिलयो। नाग सुदाढे सीहे कंबलसंबला य जिणमहिमा // 461 // महुराए जिणदासो बाहीर विवाह गोण उब से। भंडीर मित अबच्चे भते णागोहि अागमणं // 17 // वीरवरस्स भगवयो नावारूढस्स कासि उबसग्गं / मिच्छादिट्टि परद्धं कंबलसंबला समुत्तारे // 471 // थूणाए बहिं पूसो लक्खणमभंतरं च देविंदो / रायगिहि तंतुसाला मासवखमणं च गोसालो // 472 // मंखलि मंख सुभदा सरवण गोबहुलमेव गोसालो / विजयाणंदरुणंदे भोगण खज्जे व कामगुणे // 473 // कुल्लाग बहुल पायस दिवा गोमाल दट्ठ पवजा / बाहिं सुवराणखलए पायसथाली नियइगहणं // 474 // बंभणगामे नंदोवनंद उवणंद तेय पचढ़े। चंपा दुमालखमगो वासावासं मुणी खमइ // 475 // कालाए सुराणगारे सीहो विज्जुमई गोहिदासी य / खंदो दंतिलियाए पत्तालग सुराणगारंमि // 476 // मुणिचंद कुमाराए कूवणय चंपरमणिजउजाणे / चोराय चारि अगडे सोमजयंती उबसमेइ // 477 // पिट्ठीचंपा वासं तत्थ चउम्मासिएण खमणेणं / कयंगल देउलवरिसे दरिद. थेरा य गोसालो // 478 // सावस्थी सिरिभद्दा निंदू पिउदत्त पयस सिवदत्ते / दारगणी नखवालो हलिइ पडिमाऽगणी पहिया // 17 // तत्तो य णंगलाए डिभ मुणी अच्छिकडणं चेव / यावने मुहतासे मुणिश्रोति य बाहि बलदेवो // 480 // चोरा मंडव भोज्जं गोसालो वहण