________________ 3] [ श्रीमदारमसुधासिन्धुः / द्वादशमो पिनाना भविग्रजणविवोहयो वीरो // 451 // सो देवपरिग्गहियो तीसं वासाइ वसइ गिहवासे। अम्मापिईहिं भयवं देवत्तगएहिं पवइयो // 460 // ... संवच्छण होहिइ अभिणिक्खमणं तु जिणवरिंदाणं / तो अत्थसंपयाणं पवत्तए पुरसरिम // 81 // एगा हिरणकोडो अहव अणणगा सयसहस्सा। सूरोदयमाईयं दिइ जा पायरासो उ // 82 // संघाडगतियचउक-चञ्चर-चउमुह-महापह-पहेसु / दारेसु पुरवराण रत्था-हमज्झ-कारेसु // 83 // वरवरिया घोसिइ किमिच्छियं दिइ बहुविहीयं / सर-असरदेवदाणव-नरिदमहियाण निव खम्.णे // 84 // तिन्नेव य कोसिया अट्टासोई य होति कोडोओ। असियं च रूयसहरसा एवं संवच्छरे दिन्नं // 45 // सारस्सयमाइचा वण्ही वरुणा यं गद्दतोया य / तुसिया अव्वाबाहा अग्गिधा चेव रिहा य // 86 // एर देवनिकाया भय बोहिति जिणवरिदं तु / सव्व जगजीवहियं भयवं! तित्यं पवत्तेहि / / 87 // एवं अभियुट्वंतो वुडो वुहारविंदसरिसमुहो / लोगंतिगदेवहिं कु.डग्गामे महावीरो // 88 // मणपरिणामो अकओ अभिनिवखमणमि जिणवरिदेण / देवे हैं य देवाहिं य समंती उच्छयं गयणं // 81 // भवणवइ वाणमंतरजोइसवासो विमाणवासो अ। धरणियले गयणयले विज्जुजोओ कओ खिप्पं // 90 // जाव य कुछग्गामो जाव य देवाण भवणआवासा / देवहिं य देवोहिं य अविरहिअं संचरंतेहिं // 91 // चंदप्पभा य सीआ उवणोआ जम्ममरण नुक्कस्स। आसत्तमल्लदामा जलयथलय-दिव्व कुसुमेहिं // 92 // पंचासह-आपामा धणणि वित्थिण्ण पण्णवोसं तु / छत्तोसं उविडा सोया चंदप्पभा भणि // 93 // सोआइ मज्झयारे दिव्वं मणिकणग-रयणचिंचइ। सोहासणं महरिहं सपायवोढं जिणवरस्स // 94 // आलइअनालमउडो भासुरबोंदी पलंयवणमालो / सेययवस्थनियत्यो जस्सयमोल्लं सयसहस्सं॥९५॥ छ?णं भत्तेणं अज्झवसोगेण सोहण जिणो / लेसाहिं विसुझंतो आरहई उत्तम सीअं // 96 // सोहासणे निसग्णो सक्कीसाणा य दोहि पासेहिं / वोअंति चामरेहिं मणिकणग-विचित्तदंडेहिं // 17 // पुचि उविखत्ता माणुसेहिं सा हहरोमकूवेहिं / पच्छा वहंति सोअं असुरिंदसुरिंदनागिंदा // 9 // चलचवल-भूसणधरा सच्छंदविउवि-आमर गधारी। देविंददाणविंदा वहंति सोअंजिनिंदस्स // 99 // कुसुमागि पंचवण्णागि मुयंता दुदुही य ताडता / देवगणा य पहहा समंतओ उच्छयं गयणं // 10 // वणसं.