________________ 24 ] .. [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः बादशमो विमान दिव्ववरपरकमा जात्रा // 333 // केई तेणेव, भवेण निव्वुथा सव्वकामउम्मुक्का / श्रन्ने तइअभवेणं, सिभिरसंति जिणसगासे // 334 // कल्लं सव्विड्डीए, पूएमहऽदछ धम्मश्वकं तु / विहरइ सहस्समेगं, छउमत्थो भारहे वासे // 335 // बहलीअडंबइला-जोणगविसयो सुवराणभूमी अ। पाहिडिया भगवया, उ सभेणं तवं चरंतेणं // 336 // बहली श्र जोणगा, पराह(ल्ह, ल्ल)गा य जे भगवया समणुसिट्टा / अन्ने य मिच्छजाई, ते तइथा भद्दया जाया // 337 // तित्थयराणं पढमो, उसभसिरी विहरियो निस्वसग्गो। अट्ठावनो णगवरो, अग्गयभूमी जिणव रस्स // 338 // छउमस्थपरियायो, वाससहस्सं तयो पुरिमताले / णग्गोहस्स य हेट्ठा, उप्परणं केवलं नाणं // 331 // फग्गुणबहुले एकारसीइ अह अट्ठमण भत्तेणं / उप्पराणंमि श्रणते, महव्वया पंव पराणवए // 340 // उप्पराणमि श्रणंते, नाणे जरमरणविप्पमुकस्स / तो देवदाणविंदा, करिति महिम जिणिंदस्स // 341 // उजाणपुरिमताले, पुरी|इ] विणीयाइ जत्थ नाणवरं / चक्कुप्पाया य भरहे निवेत्रणं चेव दोराहपि // 342 // आउहवरसालाए, उप्पण्णं चक्करयण भरहस्स / जक्खसहस्सपरिवुडं, सव्वरयणामयं चवकं // 1 // (प्र. अव्या०) तायंमि पूइए, चक्क पूइयं पूश्रणारिहो तायो / इहलोइयं तु चवर्क परन्नोसुहावहो तायो // 343 // सह मरुदेवीइ निग्गयो, कहणं पव्वज उसभसेणस्स / बंभीमरीइदिक्खा, सुंदरी बोरोह सुअदिक्खा // 344 // पंच य पुत्तसयाई, भरहस्स य सत्त नत्तूप्रसयाई / सयराहं पव्वइबा, तमि वुमारा समोसरणे // 345 // भवणवइवाणमंतर-जोइसवासी विमाणवासी श्र। सबिडिइ सपरिसा, कासी नाणुप्पायमहिम // 346 // दवण कीरमाणिं, महिमं देवेहि खत्तियो मरिई। सम्मत्तलद्धबुद्धी धम्म सोउण पव्वइयो // 347 //