________________ मीनदापरयकरत्रम्:. 1 अध्ययनं 1] .. [ 21. // 284 // पराणं पुव्वसहस्सा, कुमारवासो उ पुप्फदेतस्स / तावइयं रज्जमी, अट्ठावीसं च पुब्बंगा // 285 // पणवीससहस्साई, पुयाणं सीयले कुमारत्तं। तावइयं परियायो, पराणासं चेव रज्जमि // 286 // वासाण कुमार, इगवीसं लक्ख हुँति सिज्जंसे / तावइग्रं परियायो, बायालीसं च रज्जमि // 287 // गिहवासे अट्ठारस, वासाणं सयसहस्स निश्रमेणं / चउपराण सयसहस्सा, परिवायो होइ वसुपुज्जे // 288 // पराणरस सयसहस्सा, कुमारवासो अ तीसई रज्जे / परागरस सयसहस्सा, परिश्राश्रो होइ विमलस्स // 286 // अट्ठमलक्खाई, वातणमणंतई कुमारत्ते / तावइयं परि फ्रे, रजमी हुँति परम // 21 // पपरत कुमार, ससा हाइगाई लक्खाई / तावइग्रं परिश्रायो, रज्जे पुण हुँति पंचेव // 211 // संतिस्स कुमारत्तं, मंडलियचकिपरियाय उसुपि / पत्तेयं पत्ते, वाससहस्साई पणवीसं // 212 // एमेव कुंथुस्सवि, चउसुवि ठाणेसु हुँति पत्ते / तेवी. ससहस्साई, वरिसाणद्ध ?मसया य // 263 // एमेव अरजिणिंदस्स, चउसुवि ठाणेसु हुँति पत्तेयं / इगवीस सहस्साई, वासाणं हुँति णायव्वा // 214 / मल्लिम्सवि वाससयं, गिहवासे सेसयं तु परियायो। चउप्पराणसहस्साई, नव चेव सयाई पुराणाई // 215 // अट्ठमा सहस्सा, कुमारवासो उ सुखयजिणस्स / तावइयं परियायो, पराणरमसहस्त रज्जंमि // 216 // नमिणो कुमारवासो, वाससहस्साइ दुरिण अद्धं च / तावइयं परियायो, पंचसहस्साई रज्जमि // 217 // तिगणेव य वाससया, कुमारवासो अरिट्टनेमिस्स / सत्त य वाससयाई, सामराणे होइ परियायो // 218 // पासस्स कुमारत्तं, तीसं परित्रायो सत्तरी होइ। तीसा यवद्ध माणे, बारालीसा उ परियायो॥२१॥ उसभस्स पुब्बलक्खं, पुव्वंगुणमजिथस्स तं चेव / चउरंगूणं लवखं. पुणो पुणो जाव सुविहित्ति॥३०॥ सेसाणं परियायो, कुमारवासेण सहियो भणियो। पत्तेयपि श्र पुव्वं, सीसाणमणुग्गहहाए / / 301 // छउमस्थकालमित्तो,