________________ भीमदावश्यफवनम् // अपयनं 1] बहुविहीयं। सुरसुरदेवदाणव-नरिंदमहिश्राण निक्खमणे॥२१॥ तिराणेव य कोडिसया, अट्ठासीइं च हुँति कोडीयो / असिई च सयसयस्सा, एवं संवच्छरे दिगणं // 220 // वीरं रिट्टनेमि, पासं मलिं च वासुपुज्जं च / एए मुतूण जिणे, श्रवसेसा पासि रायाणो // 221 // रायकुलेसुऽवि जाया, विसुद्धवंसेसु खत्तियकुलेसु। न य इस्थियाभिसेवा, कुमारवासंमि पव्वइया // 222 // संती कुथू श्र श्रगे, अरिहंता व चावट्टी श्र। श्रवसेसा तित्थयरा, मंडलिया श्रासि रायाणो // 223 // एगो भगवं वीरो, पासो मल्ली श्र तिहि तिहि सएहिं / भयवं च वासुपुज्जो, छहिं पुरिससएहि निक्खंतो // 224 // उग्गाणं भोगाणं, रायराणाणं च खत्तियाणं च / चउहि सहस्सेहुसभो, सेसा उ सहस्सपरिवारा // 225 // वीरो रिटनेमी, पासो मल्ली अ वासुपुजो श्र। पढमवए पव्वइथा, सेसा पुण पच्छिमवयंमि // 226 // सवेऽपि एगसेण, निग्गया जिणवरा चउब्बीसं / न य नाम अराणलिंगे, नो गिहिलिंगे कुलिंगे वा // 227 / / सुमईश्थ निचभत्तेण, निग्गयो वासुपुज-जिणो चउत्थेणं। पासो मल्लीवि श्र, श्रमेण सेसा उ छ?णं // 228 // उप्सभो श्र विणीयाए, बारवईए रिट्ठवरनेमी / श्रवसेसा तित्थयरा, निक्खंता जम्मभूमीसु॥ 22 // उसभो सिद्धत्थवणंमि, वासुपुजो विहारगेहमि / धम्मो श्र वप्पगाए, नीलगुहाए थ मुगिनामा // 230 // श्रासमपयंमि पासो, वीरजिगिंदो श्र नायसंडमि श्रवसेसा निक्खंता, सहसंबवणंमि उजाणे // 231 // पासो रिट्ठनेमी, सिजसो सुमइ मल्लिनामो थ। पुवराहे निक्खंता, सेसा पुण पच्छिमराहमि // 232 // गामायारा विसया, निसेविश्रा ते कुमारवज्जेहिं 6 / गामागराइएसु व, केसू विहारो भवे कस्स // 233 // मगहारायगिहाइसु, मुणो खित्तारिएसु विहरिंसु / उसभो नेमी पाप्तो, वीरो अ श्रणारिएसुपि // 234 / / उदिवा परीसहा सिं, पराइथा वे श्र जिणवरिंदेहिं 7 / नव जीवाइपयत्थे,