________________ [ श्रीमदागमनमासिन्दा दशमो विमानः 32 // 23 // दुई कयं विवाह, जिगस्स लोगोऽवि कउमारडो 33 / गुरुदत्तिा य कण्णा, परिणिज्जते तओ पायं // 24 // दत्तिव्व. दाणमुसभ, दितं दर्दू जणंमिवि पवत्तं / जिणभिक्खादाणंपि हु, द भिक्खा पवत्ताओ 34 // 25 // मडयं मयस्स देहो, तं मरदेवोइ पढमसिडुत्ति / देवेहि पुरा महिअं 35, झावणया अग्गिसकारो // 26 // सो जिणदेहाईणं, देवेहि कओ 36 चिआसु थूभाई 37 / सद्दो य रुण्णसहो. लोगोऽवि तओ तहा पगओ // 27 // छेलावणमुकिटाइ, बालकोलावणं व सेंटाई 39 / इखिणिआइ रुवा, पुच्छा पुण किं कहं कज्जं ? // 28 // अहव निमित्ताईणं, सुहसइआइ सुहदुक्खपुच्छा वा 40 / इच्चेवमाइ पाएणुप्पन्नं उसमकालंमि // 29 // किंचिच्च(त्थ) भरहकाले, कुलगरकालेऽवि किंचि उप्पन्नं / पहुणा य देसिआई, सव्वकलासिप्पकम्माई // 30 // ___ उसभवरियाहिगारे, सव्वेसिं जिणवराण सामरणं / संबोहणाइ वुत्तुं, वुच्छं पत्तेअमुसभस्स // 208 / / संबोहण परिचाए, पत्तेयं उवहिमि अ। अन्नलिंगे कुलिंगे अ, गामायार परीसहे // 201 // जीवोवलंभ सुयलंभे, पञ्चरखाणे अ संजमे / छउमस्थ तवोकम्मे उप्पाया नाण संगहे // 210 // तित्थं गणो गणहरो, धम्मोवायरस देसगा। परिपात्र अंतकिरिया, कस्स केण तवेण वा ? // 211 // सब्वेऽवि सयंबुद्धा, लोगंतिथबोहिया य जीएणं 1 / सव्वेसि परिचायो, संवच्छरित्रं महादाणं // 212 // रजाइचायोऽवि य 2, पत्तेयं को व कत्तियसमग्गो 3 / को कस्सुवही ?, को वाऽणुराणाश्रो सीताणं 4 // 213 // सारस्सयमाइचा, वराही वरुणा य गद्दतोया य / तुसिया अब्बाबाहा, अग्गिचा चेव रिट्ठा य // 214 // एए देवनिकाया भयवं, बोहिति जिणवरिंदं तु। सबजगजीवहि, भयवं / तित्थं पवत्तेहिं // 215 // संवच्छरेण होही, अभिणिवखमणं तु जिणवरिंदाणं / तो अस्थसंपयाणं, पवत्तए पुव्वसूरंमि // 216 // एगा हिरगणकोडी, अट्ठव अणूणगा सयसहस्सा / सूरोदयमाईअं, दिजइ जा पायरासायो // 217 // सिंघाडग-तिगचउक-चच्चरचउमुह-महपहेसु। दारेसु पुरवराणं, रत्थामह-मज्भयारेसु॥ 218 // वखरिया घोसिजइ, किमिच्छयं दिजए