________________ जानवरयकरत्रम् / अन्वयनका वासामु य तिनि दिसा उउबढे तारगा तिनि // 1402 // कणंगा हणति कालं ति पंच सत्तेव गि.म्ह सिसिरवासे / उक्का उ सरेहागा रेहारहितो भवे कणो // 1403 // वासासु य तिनि दिसा हवंति पाभाइयंमि कालं म / सेसेसु तीसु चउरो उडुमि चउरो चउदिसिपि // 1404 // तिसु तिन्नि तारगायो उडुमि पाभातिए अदिठटेवि / वासासु[य]तारगाश्री चउरो छन्ने निविट्ठोऽवि // 1405 // गणासइ बिंदूसु श्र गिराहं चिट्ठोवि पच्छिमं कालं / पडियरइ बहिं एको एको व अंतट्टिो गिराहे // 1406 // पायोसि अड्डरते. उत्तरदिसि पुन्ध पेहए कालं / वेरनियंमि भयणा पुबदिसा पच्छिमे काले // 1407 / कालचउक्कं उकोसएण जहन्न तियं तु बोद्धव्वं / बीयपएणं तु दुगंतु मायामयविप्पमुकाणं // 1408H / फिडियंमि अड्डरतें कालं घित्तु सुवंति जागरिया / ताहे गुरू गुणंती चउत्थि सचे गुरू सुइ // 1401 // गहियंमि अड्डरते वेरत्तिय अगहिए भवइ तिनि / वेरत्तिय अडरते अइ उपयोगा भवे दुगिण // 1410 // पडिजग्गियमि पढमे बीयविवजा हवंति तिन्नेव / पायोसिय वेरत्तिय अइउवोगा . उ दुरिण भवे // 1411 // पाभाइयकालंमि उ संचिक्खे तिनि छोयरुनाणि / परवयणे खरमाई पावासिय एवंमादीणि // 1412 // . - (भा०) नवकालवेलसेसे उवग्गहियठ्या पडिकमइ / न पडिकमा वेगो नववारहए धुवमसज्झाओ // 224 // इक्विक तिनि वारे छीयाइहयंमि गिण्हए कालं / चोरइ खरो बारस अणिट्ठविसर अ कालवहो // 255 // चोअग ! माणसऽणिडे कालवहो सेसगाण उ पहारो / पावासुआई पुट्वि पनवणमणिच्छि उग्घाडे // 226 // वीसरसहरुअंते भव्वत्तगडिभगंमि मा गिण्हे। गोसे दरपहषिए छोए छोए तिगी पेहे // 227 // पाइन्न पिसिय महिया पेहित्ता तिनि तिन्नि ठाणाई। नववारहए काले हउत्ति पढमाइ न पढंति / 1413 // पट्टवियंमि सिलोगे छीए पडिलेह तिन्नि अन्नत्य / सोणिय मुत्तपुरीसे घाणालोयं परिहरिजा // 14 // पालोश्रमि