________________ श्रीमदावश्यकसूत्रम् / अध्ययनं 4 ] [ 103 अंजइ सबलो एसो इगवीसो होइ नायव्यो // 10 // (व्याख्यानंतरम्) वरिसंतो दस मासस्स तिन्नि दगलेवमाइठाणाई। आउट्टिया करेंतो वहालियादिण्णमेहुण्णे // 1 // निसिमत्तकम्मनिव-पिंडकीयमाई अभिक्खसंवरिए / कंदाइ भुजंते उदउल्लहत्थाइ गहणं च // 2 // सच्चित्तसिलाकोले परविणिवाई ससिणिद्ध ससरक्खो। छम्मासंतो गणसंकमं च करकंममिइ सबले // 3 // खुहापिवासासीउण्हं दंसाचेलारइत्थीओ / चरियानिसीहिया सेज्जा अकोसवहजायणा // 1 // अलाभरोगतणफासा मलसकारपरीसहा / पण्णा अण्णाणसंम इइ बावीस परीसहा // 2 // पुंडरीयकिरियट्ठाणं आहारपरिणऽपच्चक्खाणकिरिया य / अणगारअद्दनालंद सोलसाई च तेवीसं // 1 // भवणवणजोइवेमाणिया य दस अट्ठपंचएगविहा / इइ(ह) चउवीसं देवा केइ पुण बेंति अरिहंता // 1 // इरियासमिए सया जए उवेह भुजेज्ज व पाणभोयणं / आयाणनिक्खेवदुगुछ संजए समाहिए संजमए मणोवई // 1 // अहस्ससच्चे अणुवीइ भासए जे कोहलोहभयमेव वज्जए / स दीहरायं समुपेहिया सिया मुणी हु मोसं परिवज्जए सया // 2 // सयमेव उ उग्गहजायणे घडे मतिमं निसम्म सह भिक्खु उग्गहं / अणुण्णविय भुजिज्ज पाणभोयणं जाइत्ता साहमियाण उग्गहं // 3 // आहारगुत्ने अविभूसियप्पा इत्थि निज्झाइ न संथवेज्जा / बुद्धो मुणी खुड्डकहं न कुज्जा धम्माणुपेही संधए बंभचेरं // 4 // जे सद्दरूवरसगंधमागए फासे य संपप्प मणुण्णपावए / गिहीपदोसं न करेज्ज पंडिए स होइ दंते विरए अकिंचणे // 5 // दस उद्देसणकाला दसाण कप्पस्स होति छच्चेव / दस चेव ववहारस्स व होति सम्वेवि छब्बीसं // 1 // वयछक्कमिदियाणं च निग्गहो भावकरणसच्चं च / खमयाविरागयावि य मणमाईणं निरोहो य // 1 // कायाण छक्क जोगाण जुत्तया वेयणाऽहियासणया / तह मारणंतियऽहियासणा य एएऽणगारगुणा // 2 // सत्थपरिण्णा लोगो विजओ य सीओसणिज्ज संमतं / आवंति धुवविमोहो उवहाणसुय महापरिण्णा य // 1 // पिंडेसणसिज्जि-रिया भासज्जाया य वत्थपाएसा / उग्गहपडिमा सरोक्कतयं भावणविमुत्तीओ // 2 // उग्यायमणुग्यायं आरूषणा तिविहमो णिसीहं तु / इय अट्ठावीसविहो आयारकप्पण मोऽयं // 3 // अट्ठनिमिरंगाई दिव्वुप्पायंतालक्खभोमं च / अंगसरलक्खणवंजणं च तिविहं पुणोक्केक्कं // 1 // सुत्तं वित्ती तह वत्तियं च पावसुय अउणतीसविहं गंधब्बनट्टवत्थु आउं घणुवेयसंजु // 2 // वारिमज्मेऽवगाहित्ता तसे पाणे विहिंसई / छाएउ मुहं हत्थेणं अंतोनायं गलेरचं // 1 // सीमावेढेण वेदित्ता संकिलेसेण मारए / सीसंमि जे य आहेतु दुहमारेण हिंसइ // 2 // बहुजणस्स नेयारं दी ताणं च पाणिणं / साहारणे गिलाणंमि, पहू किच्चं न कुवइ // 3 // साहू अकम्म धम्माउ जे भंसेइ