________________ 18] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / द्वादशमी विभागः ओमोयरिए रायदुदु भए व आगाढे। गेलन्ने उत्तिमढे नाणे तवदंसणचरित्ते // 12 // कडिपट्टए य छिहली कत्तरिया भंड लोय पाढे य / धम्मकहसन्निराउल ववहार विकिंचणं कुज्जा // 13 // अज्ज्ञाविओ मि एएहिं चेव पडिसेहो. किंचाहीतं ते। छलियकहाई कडाइ कत्थ जई कत्थ छलियाई ? // 14 // पुवावरसंजुत्तं वेरग्गकरं संततमविरुद्धं / पोराणमद्धमागहमासानिययं हवइ सुतं // 15 // जे सुत्तगुणा वुत्ता(भिहित्ता) तबिवरीयाणि गाहए पुवि / निच्छिण्णकारणाणं सा चेव विगिंचणे जयणा // 16 // कावालिए सरक्खे तञ्चण्णियवसहलिंगरूवेणं वेडुबगपव्वइए कायव्व विहीए वोसिरणं // 17 // निववल्लमबहुपक्खंमि वावि तरुणवसहामिणं बति / भिन्नकहाओ भट्ठाण घडइ इह वच्च परतित्थी // 18 // तुमए समगं आमंति निग्गओ भिक्खमाइलस्खेणं / नासइ भिक्खुकमाइसु छोण तओवि विपलाइ // 16 // तिविहो य होइ जड्डो भासा सरीरे य करणजडो य / भासाजड्डो तिविहो जलमम्मण-एलमूओ य // 20 // दंसणनाणचरित्ते तवे य समिईसु करणजोए य / उदिट्ठपि न गेहइ जलमूओ एलमूओ य // २१॥णाणायट्ठा दिक्खा भासाजडो अपच्चलो तस्स / सो य बहिरो य नियमा गाहण उड्डाह अहिगरण // 22 // तिविहो सरीरजड्डो पंथे भिक्खे य होइ बंदणए / एएहिं कारणेहिं जड्डस्स न कप्पइ दिक्खा // 23 // अद्धाणे पलिमंथो भिक्खायरियाए अपरिहत्थो य / दोसा सरीरजड्डे गच्छे पुण सो अणुण्णाओ // 24 // उड्ढुस्सासो अपरक्कमो य गेलनलाघवग्गि अहिउदए। जड्डस्स य आगाढे गेलण्ण असमाहिमरणं च // 25 // सेएण कक्खमाई कुत्था धुवणुप्पिलावणा पाणा / नत्थि गलओ य चोरो निंदिय मुडाइ पवाए य // 26 // इरियासमिई भासेसणा य आयाणसमिहगुत्तीसु / नवि ठाइ चरणकरणे कम्मुदएणं करणजड्डो // 27 // एसोवि न दिक्खिज्जइ उस्सग्गेणमह दिक्खिओ होज्जा। कारणगएण केणइ तत्थ विहिं उवरि वोच्छामि // 28 // मोत्तुं गिलाणकज्जं दुम्मेहं पडियरइ जाव छम्मासा / एक्केक्के छम्मासा जस्स व दटुं विगिचणया // 26 // जो पुण करणे जड्डो उक्कोसं तस्स होति छम्मासा / कुलगणसंघनिवेयण एवं तु विहि तहिं कुज्जा // 30 // आसुक्कारगिलाणे पच्चक्खाए व आणुपुव्वीए / अच्चित्तसंजयाणं वोच्छामि विहीए वोसिरणं // 31 // एव य कालगयंमी मुणिणा सुत्तत्थगहियसारेणं / न हु कायव्व विसाओ कायव्व विहीए वोसिरणं // 32 // . पडिलेहणा दिसा गंतए य काले दिया य रायो य / कुसपडिमा पाणग-णियत्तणे य तण-सीस-उवगरणे // 1286 // उट्ठाण-णामगहणे पयाहिणे काउस्तग्गकरणे य / खमणे य असन्माए तत्तो अवलोयणे वं // 1287 //