________________ ... पागदावरसदार : पवनं 3] , उतो तह तह से निजरा होइ // 28 // विणोरयार माणस्व भंजणा पूयणा गुरुजणस्स / तित्थयराण य ाणा सुयधम्माराहणाऽकिरिया // 2 // विणयो सासणे मूलं विणीयो संजयो भवे / विणयाउ विप्पमुक्कस्स, कयो धम्मो को तवो ? // 1230 // जम्हा विणयइ कम्मं अट्ठविहं चाउरंतमुक्खाए / तम्हा उ वयंति विऊ विणउत्ति विलीनसंसारा // 1231 // ___इच्छामि खमासमणो ! वंदिउं जावणिजाए निसीहियाए अणुजाणह मे मिउग्गहं निसीह, अहोकायं कायसंफासं, खमणिजो भे किलामो, अप्पकिलंताणं बहुसुभेण भे दिवसो वइक्कतो?, जत्ता भे ? जवणिज्जं च भे? खामेमि खमासमणो ! देवसियं वइक्कम, श्रावस्सियाए पडिकमामि खमालमणाणं देवसियाए अासायणाए तित्तीसराणयराए जंकिंचि मिच्छाए मगदुक्क. डाए वयदुक्कडाए कायदुक्कडाए कोहाए माणाए मायाए लोभाए सव्वकालियाए सबमिच्छोवयाराए सबधम्माइक्कमणाए अासायणाए जो मे अइयारो को तस्स खमासमणो ! पडिकमामि निन्दामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि (सूत्रम्) इच्छा य अणुनवणा अब्बावाहं च जत्त जवणा य / अवराहखामणावि य छट्ठाणा हुँति वंदणए // 1232 // णामं ठवणादविए खित्ते काले तहेव भावे य / एसो खलु इच्छाए णिक्खेवो छविहो होइ // 33 // नाम ठवणा दविए खिते काले तहेव भावे य / एसो उ अणुराणाए णिक्खेवो छबिहो होइ // 34 // णामं रावणा दविए खित्ते काले तहेव भावे य / एसो उ उग्गहस्सा णिवखेवो छब्बिहो होइ // 35 // बाहि. रखित्तंमि ठियो अणुनवित्ता मिउग्गहं फासे / उग्गहखेत्तं पविसे जाव सिरेणं फुसइ पाए // 36 // अवाबाहं दुविहं दव्वे भावे य जत्त जवणा य। अपराहखामणावि य सवित्थरत्थं विभासिजा ॥३७॥छदेणऽणुजाणामि तहत्ति तुझपि वट्टई एवं / अहमवि खामेमि तुमे वयणाई वंदणरिहस्स // 38 // तेणवि