________________ [75 रिहरयण च नेमि उप्पयमाणं तो नेमी॥११.३॥सप्पंसयणे जणणीतं पासइ तमसि तेण पासजिणो। वड्डइ नायकुलंति अतेण जिणो वद्धमाणुत्ति॥११०४॥ ___एवं मए अभिथुया विहुयरयमला पहीणजरमरणा / चउवीसंपि जिणारा तित्थयरा मे पमीयंतु // 5 // कित्तियवंदियमहिया जेए लोगस्स उत्तमा सिद्धा। पारुग्गबोहिलाभं समाहिवरमुत्तमं किंतु // 6 // (सूत्रे) थुइथुणणवंदणनमंसणाणि एगट्टिश्राणि एयाणि / कित्तण पसंसणावि अविणयपणामे अ एगट्ठा // 1105 // मिल्छत्तमोहणिज्जा नाणावरणा चरित्तमोहायो / तिविहतमा उम्मुक्का तम्हा ते उत्तमा हुँते // 1106 // थारुग्गबोहिलाभं समाहिवरमुत्तमं च मे दितु / किं नु हु नियाणमेयं ति ?, विभासा इत्थ कायबा // 1107 // भासा असचमोसा नवरं भत्तीइ भासिया एसा / न हु खीणपिजदोसा दिति समाहिं च बोहिं च // 1108 // जं तेहिं दायव्वं तं दिन्नं जिणवरेहिं सव्वेहिं / दंसणनाणचरित्तस्स एस तिविहस्स उवएसो // 1101 // भत्तीइ जिणवराणं खिज्जती पुव्वसंचिथा कम्मा / पायरिधनमुक्कारेण विजा मंता य सिझंति॥ 1110 // भत्तीइ जिणवराणं परमाए खीणपिज्जदोसाणं / पारुग्गजोहिलाभं समाहिमरणं च पावंति // 11 // लद्धिल्लिनं च बोहिं अकरितोऽणागयं च पत्थंत / दच्छिसि जह तं विम्भल ! इमं च अन्नं च चुकिहिसि // 12 // लद्धिल्लियं च बोहिं अकरितोऽणागयं च पत्थंतो। अन्नंदाइं बोहिं लब्भिसि कयरेण मुल्लेण ? // 13 // चेइयकुलगणसंघे पायरियाणं च पवयणसुए य / सव्वेसुवि तेण कयं तवसंजममुजमंतेणं // 1114 // चंदसु निम्मलयरा बाइच्चेसु अहिग्रं पयालयरा / सागरवरगंभीरा सिद्धा ? सिद्धिं मम दिसंतु // 7 // (सूत्रम्) चंदाइचगहाणं पहा पयासेइ परिमित्रं खित्तं / केवलियनाणलंभो लोगालोगं पगासेइ // 1115 // // इति श्रीचतुर्विशतिस्तवाज्यपनम् // 2 // परमारथनमुक्कारेण विजालाइ जिणवराणं खिचरित्तस्स एस