________________ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा जाव उवस्सयाओ सत्तघरंतरं संखडिं। संनियट्टचारिस्स ए(इ)त्तए, एगे पुण एवमाहंसु-नो कप्पइ जाव / उवस्सयाओ परेणं सत्तघरंतरं संखडिं संनियट्ट-चारिस्स एत्तए, एगे पुण एवमाहंसु-नो कप्पइ जाव उवस्सयाओ परंपरेणं संखडिं सन्नियट्ट-चारिस्स ए(इ)त्तए // सू. 27 // वासावासं पज्जोसवियस्स नो कप्पइ पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स कणग-फुसिय-मित्तमवि वुट्टिकायंसि निवयमाणांस जाव