________________ कल्पसूत्र // 116 / / वासावासं पज्जोसविअस्स संखादत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति पंच दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहित्तए पंच पाणगस्स, अहवा चत्तारि भोयणस्स पंच पाणगस्स, अहवा पंचभोअणस्स चत्तारि पाणगस्स / 1 / तत्थ णं एगा दत्ती लोणासायण-मित्तमवि पडिगाहिआ सिआ, * कप्पइ से तदिवसं तेणेव भत्तटेणं पज्जोसवित्तए, नो से / कप्पइ दुच्चंपि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा / पविसित्तए वा 2 // सू. 26 // वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ // 11 //