________________ श्री महानिशीथसूत्र अध्ययन माओगे जोयम! मोक्खो न अण्णहा // 27 // ता णीमल्ले भविताणे सवसल्लविवजिए। जे धम्ममगुचिठेजा, सबभूयऽप्यकंपिवा // 3 // तस्स तं सफलं होज्जा, जम्ममंतरेसुवि। विउला सम्पयरिडीय, लभेज्जा सासयं सुहं // 3 // सल्तुरिउकामेणं, सुपसत्यै सोहणे दिणे / लिहिकरणमुटुत्ते नम्वत्ते, जोगे लग्गे समीबले कायबायंबिलस्यमणं, इस दिणे पंचमंगलं। परिजवियत्वेऽसयंत्यहा), नवर अहम्मं करे // 4 // अहठमभत्तेण पारिता, काऊपायबिलं ती।चे इथ साह्मवंदित्ता, करिज्ज खतमरिसियं ॥२॥जेकेर बुटु संलते जस्सुवरि तु वितियं / जस्सथ उठु कय जे पडि. दु वा क्रयं भवे // 53 // तस्स सबस्स तिविहेणं,वाया म सायकस्सुमा / णीसल्लं सबभावेणं, दाउंमिछामि इकडं ran पुगोविधीयरायाण, परिमाभी वेश्यालए। पतेय मधुणे बरे एगगो भत्तिनिटभरो ॥९॥वंदिचेहए सम्म.हवंभलेण परिजवे। इमं सुयदेवर विज्ज, लम्ख हा चेदयालए // 6 // उक्सती सवभावणं एगचिलो सुनिधिओ। आउतो अव्यवदिखत्तो, रागरइभरवन्जिओ // 7 // - अउमणममओ कामनामाईणमद अउमणम ओ भयाण्उसआरईएअम अउम्णभम्भो सभमभइ मसाईगमम् अउमणअम्भी ईरभासवलदईभम् अब मणमओ सब्बासहिलदईण्अम् अउमणअमओ अम्बई अमअह आणम्भलाईभम् अउम्णअमओ भगवी अरह ओ महइमहावीरवद्रमाणस्स धम्मनित्यकरक भउम्णम्भी सबधम्मतित्थंकराणं अउमणम्भो सम्ब. सिदाणं अउमणमओ सब्यसाहूर्ण उम्णमओ भगवती मरणाणस्स अउम्णम्भो भगवो सुयणआणम्स भउमणमओ भरावसो अउहइण्भाणम्स अउम्णमी