________________ GREE महानिधिसून:: हि। ताली जमिछे तं तस्स, जद अगुकलं पवेयए / 356 // ता थनियमविहणावि, मोकवं इति पाणिणो। एएएने या रूसंति, परिसं चिय कहेयन्वं / / २५॥णवरं ण मोक्यो एयाणं, मुसावायं च आंबई। अन्नं च रागं हीसं च मोहंच, भयरधंदाणवर्तिणं॥२५॥ तित्थंकराणं णो भूयं, गो भवेज्जा उ गोयमा।। मुसावार्थ या भा. संते, गोयमा ! तित्थंकरे // 259 // जेणं तु केवलनाणेणं ने पच्चस्यगं जगं। भूयं भवं भविस्सं च, पुन्नं पापं / नहव य॥३६०॥ . जंकिंचि निसुवि लीएम, तं सव्वं तसि पाथर्ड / पाथालं अवि उन्मुहं, सणं एज्जा अहोमुहं ॥३६॥.पूणं तित्थयरमुहमणियं वयणं होजन अन्नहा। नाणं ईसण चास्तिंन. वंबोरं सुदुम्करं // 362 // सोगदमग्गो फुडो एस, पलबंती जहथि / अन्नहा न तित्यथरा, वाया मणसा यकम्मणा // 363 // भगति जइवि भुरणस, पलयं हवा तस्व. णे। जं हियं सबजगजीवपाणभूयाण केवलं, तं अणुकपाए तित्यथरा, धम्म भासंनि अक्तिहं // 364 // जेणं तुस मणुचिन्नेणं, दोहादुक्खदारिदारोग-सोगबुगइभयं / ण भविज्जा उ विएणं, संतो-वेवगे नहा // 365 // भयवं. को एरिस भणिमो, जर घंई अणुवसय / वरमेयं पु. रछामो, जो जसम्के सनं करे? // 366 // गोथमा! रिसे जुतं, खणं मणसा विचिंति। अह जर एनं भवेणार्थ,ता, वं धारे हअं बलं // 36 // धयरे खंडरबाए, एस्को स. क्कर खाइयं / अन्नी समंसमज्जाई, अन्नो रमिऊण एसि. यं॥३॥ अन्नो एथपिनो सम्के, अन्जो जोपर पम्पयं / अमो चडवडमुहे एसु (अन्नो एपि) मणिऊण ण संस्तुणोई // 36 // चोरियं जारियं अन्नो, अन्नो किंचिण साकुणोई भी सु. भोत्तुं सपत्पारिए, सम्के चिदमेतु मंचगे // 30 // RESEREEEEEEEEE