________________ Lo] श्री आगम मुधा मिन्धु नवमा विभाग अहवा वि लक्सो इमे िणा परिहरेन्जा 28 // महिला. सहावी सरवण्णभेदो में महंतं मउया य वाणी / ससद्दगं मुत. मफेणगं च एताई हप्पडंगलक्षणाई // 29 // गती भने पच्चवलोइयं च, मिउत्तथा सीतलगत्तया य। धुवं भवे दुस्वरणामधे. ओ. संकार पच्चंतरि भो ठकारी॥२९॥ गतिहत्थवच्छकारभम्यभास दिही य केसलंकारे / पच्छण्णमज्जणाणि य पच्छण्णत. रंचणीहारो // 29 // मंदा गती चिकियो नामहत्थं, लंचं णियं सेति जहेव इत्थी / कौड धंभगं वा विकरे भिक्खं सविडममं उविसवए भुमाओ / 292 // भासंतो या वि क वन्धि णिवेसेति इन्धि या चेवाहीणस्यसा य जायइ दिदडी य सोवब्भमा तरस ॥२९३/के. से इत्थी वजह। आमोडनि इन्धिमंडण चेव / पहार्यात एगांते या 7. छान्ने आयरुच्चारं / / 29 / / पुरिसेस भीक महिलास संकरी पम - यकम्मकरण। य। एवं बाहिरलक्षण णसवेदो भये अंतो।।२९५ / / सो पुण णपुल्यवेदी लिग तिविही वि होति बोधव्यो / कह लिंग तिए / भण्णोत एवं एक्केरक वेदतिगं // 296 // उस्सग्गलक्षणनु स्थीपरिसणासमा बेटा / फुफमदगिमहणगरदाहरिसा जहा. कमसो // 29 // एक्कक्के निह भयणा इत्थी धीसारख पुरिम अपुमे . या इय पुरिमणपुंसया एक्कैनके होति वेदतगं // 29 // सो पुण णपुंसगो तू मोलमहा होत मुणेयचो। पंडग की वातिय कुंभी ई. सालु सउणी य // 29 // नक्कम्मसेवि पक्सि यमपकिसए तह सुगंधि आमिने / बोद्धत चिप्पिय मंतोसहीहि वा उनहए जे य // 30 // इसिसत्तदेव सत्ते एतेरि पकवणा इमा होति / ते.' हिथं परो तिविही लक्षणसी य उवघानी / / 301 // पंडगलक्षण ज. स्सा जाया अवतोयणेण तु गहाण / सो लक्यणतो पंडो दूमीपंडी इ. मो होति // 30 // सियलेदो दुसी दोमु य वैदेसु संज्जए दूसी। दो सेवइ वा वेदो दोसु व दुसिज्जई दूसी // 303 / / सेति सेसए वा सो दह आसिन्तौ तह य ऊसित्तो। साबच्चो आसित्ती अणवच्ची होति सित्ती // 30 // उवधामोवि य दुविहो वेदै य तहेव होति उवकरणे। वेदोवसायपंडी इणमो लोडेयं मुणेयच्यो / / 3.5 // पुधि दुच्चिण्णा