________________ . [38) श्री आगम सुधा सिन्धु / नवमो विभागः २०॥जे भिकरयू अपने बाए वायंते वा साइज ॥२१॥जे भिकरपू पतं न वाएर नवाएंतं वा साइछह 15 // 2022 // जेभिक्यू दोण्हपि सरिसगाणं एकं संचिकरपाबेइ एवं न संचिकवावे एवं वायद एवं नवाएर जपाएतं वा साइजद २२१॥सू०२३॥ जे भिकरयू आरियउवझाहिं अविदिन्नं गिरं आश्था आइयंत वा साइज।सू०४॥जेभिक्खू अनउत्थियं वा गारत्यियं वाएवायंतं वा साइज॥सू०४॥ परिछ।मु०२६॥ एवंपा. सत्यं सू०२-२८॥ ओसन्नं, सुसीले नितियं ॥सू०२८-३४॥ संसत्तं 203 त सेवमाणे आवश्चाउम्मासियं परिहारहाणं उधाइयं / 035-36 // ॥एगुणवीसहमी उद्देसी // 19 // ॥अथ उपसंहारः॥ भिन्स्यू मासिव परिहारहाणं पडिसेप्तिा आलीएम अपलिक्विं भालोएमाणस्म मासिथं पलिधियं आलोएमाणस दोमासिय एवं क्वहारपटमुद्देसगमो यब्बो जाव इस गमा समत्ता एशतसो बहुत्तसोवि जाव सध्यमे सकयं एगो सारणिता जाए य पावणार पट्टएि निविसमाए पडिसेविजा सावि करिणा तन्येव आरहेथव्या सिया '309 सू०१-२२॥ (पंचमासियामा सियारहाणं पहनिए अणणारे अंतरा दोमासयं परिहाराणं पर्डिसेवित्ता आलोएजी भहावगवीसाइया आरोषणा आइमझावसाणे ससहसकारण अहीणमइस्तिं तेण परं सवीसइराइया दो मासा ॥सू०२३॥ पंचमासिय एवं चाउम्मारियं, एवं तेमासिथं एवं दोमासिथं मासियाबि जावं सवीसराइथा दो मासा ॥सू०२६-२४॥ सबीसराइयं बीमारियं परिहारहाणं पडपिए अणगारेआल तण परं दृसराया तिण्णिमासा सू०२९सदसरायतेमासिथ परिहारट्ठाणं जावत परं चत्तारि मासा ॥सू०३०॥ चाउम्मासियं परिहारहाणं जावतेण पर सवीसराइया चत्तारिमासा ॥स०३३॥ सवीसराइयं नाउम्मासिये परिहाराण जाव तेण परं सदसराया पञ्चमासा // 3 // सहसराय पधमासियं परिवारमणं . जाब तेण परं धम्मासा "सू-३३॥ छम्मासिय परिहारहाणं पविए अणारे अन्तरा मामिमं परितारट्राग पडिसेक्सिा आलोएखा अहावरा पनिखया आरोवला भाइमसाबसाणे मभदं सहे सकारण महणमस्तं तेण परं दिखटो मासो // सू०३४ा, RSERRRRRRRRRRE