________________ PAARADARA [36] श्री आगम सुधा सिन्धु / नवमो विभागः / सदाणि कणसोधपडियाए अभिमंधारे अभिमंधान वा साइप्लाइ / सू.१३८॥ जे भिक्खू वप्याणि वा फलिहाणि वा जाव इह (परलोइएसुवा सद्देसु जार अमोबवओमाणं वा साखर 94 ' न सेरमाणे आवजहचा. उम्मासिथं परिहारहाणां उन्धाइय // 20139-155 // सत्तरसमो उद्दसओ // 3 // // अथ अष्टादशी देशकः॥ जे मिकस्य भणहाए जावं दुलहइ दुरुहन वा साइज 3जेभिक्यू. . नावं किण किणाई कीयमाठ द्विजमाणे दुम्हा दुरुहंत बा साइजद,एवं जो चोइसमे उद्देसे परिसरगमो सो गोयब्यो जाव भोज, णकर दुरुततित्ति, भाणियव्यंाम०२-५॥जे भिक्यू पलामो नावजले मोकमानेह भोकमायेत वा साहसदमा जे भिक्रय जलामो नावं घले उकसावे उकसावतंवा साइजय // 7 // जे भिम्स्यू पुण्ण नाव गम्सिचद उरिसंचन वा साइज // 0 // अभिनय सन्ननाव अपिलावेद अपिलन वा साइजाद साजे भिक्खू परिणाषियं कटु नावाए दुलहा रहंत या साइच माजे भिक्यू इटगामिणि गावं अहोगामिणि बानावं दुरुह दुरूहत वा साइज ॥सू०११॥ जे भिकाय जोधपोला गामिण वा अरजोधणनेलागामिणि या नावं दुहब दुरुहने वा साजरा जेभिक्खू नावं आकसावेइ ओकसावेद विवावेड रज्जूणा वा कडेण वा कइट कदंतं वा साइच // 2013 // जेभिमन्यू नावं आलितएण वा पप्फिडएा वा वसेण वा नलेज का बाहिर बात ना साइजर ॥सू.१४॥ जे भिक्खू नावाभो उदगं भाकगोण वा पडिगगहेण वा मत्तेण वा नावास्सिंचणेण वा रिसंघ उभिएले वा साइजद ॥सू.१५॥ जे भिक नावं अतिशेणउदगं आसवमामि उवरुवार उचलमाणि पेहाय हत्येण वा पाएण ना आसत्य पत्तेण वा कुसपत्तेण वा मट्टियाए वा चलकण्णण वा पडिपीहेड पडिपीहत वा माश्चम-१६॥ जे भिक्खू नावागओ नावाशयम्स असणं वा पडिभाइ पडिगाहंतं वा साइअइ 30 एतेण गमेण णावागभी जलयसन्स गावागतो पंकण्यास नावागतो थलगतस्स एवं जलगाणविक्तारि पंकगएणव चत्तारि पलगएणवि क्तारि गमा णेयव्वा ॥सू०१२३२॥ जे भिक्खू पत्य निणय डिणा कीयमाटरव रिज़माणं पडिशाहइ पडिगाटतं वा सारखापवंची SHREERRORISESS