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________________ [22 ॥अथ दशमोद्देशकः॥ जे भिम्र भदन्तं आगाद क्यइवयंत मा साइजाम.१ मरुसं. म. आगाढमकसं '35 माजे भिन्न अन्नथीए अधासायगाए अश्वासारएइ अच्चामायतं वा माइज्जइ ।मु०॥ जे भिवायू अण-त. कायसंजुतं आहार आहारे आहारत वा साइजइ.५६॥मू.जे भिक्यूआहाकम्म भुइ भुखतं वा साइजइ 81' जे भिम्यू पडप्पन्न निमित्तं वागरे वागत वा साइज 10 // जे भिम्यू अणायं निमित्त वाय२६ वागरं ना साइलाइ ''मला जे भिमन्यू सेहें विप्यरिणामेर विपरि पामनं वा साइज // 6 // जे भिक्यू सेहं अवहर अवहरतं यासा३ इस जे तुम विपरिशामिद वियरिणामतं वा सातजाम 11|| जे भिरख दिसं अनार अवहरतं ला साइलाइ 157 / 012 // जे भिमर बहियानापियं आए पर तिरायाओ अविफालेत्ता संवसावेइ संक्मावेंतं वा साइमदार.१३॥ ले मिक्यू साहिगरणं अबिओसवियपादुई अकरपायरिछत संभुचर भुजंतला साइजइ 253' ।।मु०१४॥ जेभिल्यू धारयं अणुघाइय वह लयं वा साइज॥०१५॥ जे भिक्य अणुचाइयो उम्घा इयं वयइ वयंत वा साइजनइ -16 // जे भिक्य घाइए अणुश्चाइये देश वेंतं वा साइलाइ ॥सू०१9" जे भिकाबू अणु-याइए धाइयं देत वा साइमा 1 // जे भिक्खू उघाइय सोया नचा समुझाइ सं जंतं. वासाइजई०३.घाइयहे मला उग्घाश्यसंकायं ॥सू०२१॥ उधाश्थं वा उघाइयो वा घाझ्यन्मलय वा // 22 // जे भिख अणुघाइयं सोआ नचा समुधर संभुजत ना साइज्म॥.२३॥ अगुघाश्यहा०४ा भधाइथसंकप्प म अमाश्य वा अघाइयहे वा अणुचाइयसंकप्पं पासू०२६ रास ना अपघास वा // 20 // घायहे उ वा अपुग्धाय हेवा समाजघाइथसंकल्पं वा अणुधाइयसकम्य वा // 029 // या इथ वा अणु घाइय वा उचो वा अणुघाइयोउ वा घाइयसमप्यं वा अणधाज्यमंकरप वा मू.३०॥ जे भिवस्य उणयक्तिीए अगस्यमियमण संक.पडिए निििासमानन्तो अप्याणेणं असगं वा परिमाहेनासं 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
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