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________________ 2101: ... ... श्री आगम मुदा सिन्धु: :: नवमी विभाग सिलोयरगेणं बत्तीस संथाणि दमभट्टसहियाई7. / सबसुयसमूहमी वामकरसगहियपोत्थया देनी . / जन्मकुहंडीसहिया देंतु अविग्यं भणताणं // 04040. पूज्यपाद तपोमूर्ति - जैनाचार्य- श्रीमद्विजयकर्परसु. रीश्वर - पट्टधर - हालादेशोद्धारक- कविरत्न प्रज्याचार्य देव - श्रीमद्धिजयामृतसूरीश्वर - दिनेय - भीमदागमसंशोधक- विदर्य गुरुदेव पूज्यपन्न्यास जिनेन्द्रविजय -गणिवयाणां आज्ञानुवर्ति तपरिव साध्वीश्रीमहेन्द्र प्रभावियाः शिध्या - विदुषीरन - साध्वीश्री सुरेन्द्रप्रभाश्रियाः शिष्या साध्वीस्वयम्प्रभाभिया लिपिकृतं श्री पञ्चकल्पसूत्रमिदं परमोपकारी गुरुदेव कृपया श्रुतभक्तिगत भक्तिप्रेरित भावोलासेन संशोधितं च परमोपकारी पूज्यपाद गुलदेव प. ज्यासप्रवरश्रीजिनेन्द्रविजयगणिवरेण / वीर सं. 2506 विक्रम सं. 2036 * आखिनकृष्णातृतीयायां सूर्यवासरे श्रीजामजग२ दिग्विजयप्लोट श्री शान्तिमनजोपाश्रय- मध्ये श्रीविनलनाथस्वामिप्रसादान् / शुभं भवतु श्री श्रमणसझन्स्य / / 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
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