________________ 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎 [18] श्री आगम मुधा सिन्धुः - नवमो विभागः पार्थसिना पक्रसि वा पुसि वा सीमंसि वा शहाय संचालेइ संचालतं वा साइन्जाइम०२॥ जे भिक्रयू मारामम्स मेहड़ियाए मो. मंसि कहुं वा किलिंचं वा अशुलीयं वासलार्ग वा अणुय्यवेसेता संचालेइमचालंतवा माइग्जद स०.३॥ जे भिक्थू मारयामम्स मेहणवर्षियाए 'भयंतिकडू आलिङ्गेझ वा परिम्सएखवा परिचुंबज्ज वा विदेज वा आलिंगते वा परिम्सर्थत वा परिचुंबतं वा विश्छदंत वा साइजाम.cen जे भिख मार. गामस्स मेहुणवडियाए अमणं वा 5 दे देत वा साइज्जइ // सू०५.८६॥ एवं. वस्यपि वोटिंगम // 0.18 // सन्झायपि दोहि ०९-९॥जे भिम माउग्गामस्स मेहणवडियाए अनयरेणं इदिएणं आगार कर करवा साप्तापिर' .. त सेवमाणे अवसइ थाम्मासिय परिहारहार्य अणुग्धाइयं / 081 // सत्समी उद्देसी // 7 // " // अथ अष्टमाद्देशकः॥ जे मिक्व आगन्तारेसु वाजाव परियाक्महेसु वा पुगी पत्थी ए सर्हि आव करतं वा साइज्जइ "TATIOजे भिक्ख उआणसिवा लायशिहंसि वा उजाणसालेसिवा निजागसि वा निवाणनिहासिवा निशाणसालंसिवा एगो एगिपीए सहिआवकहत वा साइजइस०॥जे भिकरण भट्टसिवा महालयसि वा पागारंसिवा दारंसिवा गोपुरसिवा एगो एणि पीए सहि आवकटतं वा साइज्जइ // 3 // जे भिक्खू दोसि वा दगमणसि वा दापसिवा दगतीरंसि वादा ठाणसिवा एगो एगिलपीए सर्दि जावकहतंवा साइनासु०॥ जे भिक्यू सुचशिहंसि वा सुनसालसिवा भिनशिहसिवा भिवसालमिवा कुडागारंसिवामीडागारंमिवा एगोनिस्पी ए सहि आग कहतवासाइसरासूoामे भिकर तणमिहंसिवा तणसालंसिवा तुसशिहमि तुमसालसिना बुसभिहसिना बुसमालमिया . एगो एगित्पीए सहि जाव कहत ना साइनाइ 06 // जे भिक्खू जाणसालमि। वा जालशिहमि वा जुणमालसि वा जुगनिहासि मा एगो एशिल्पीय मर्दि जावकहंतं वा साइज्जइ॥१०॥जे भिकरण पणिथसालसि वा पणियणिहसि परियाय हंसिवा परियायसालसि वा कुरियहिंसि ना कुवियसालसिना एगो एगिस्थीए सर्डि आव कहत वा साइजहाजे भिक्षु गोणसा. लॅसि वा गोणगिहंसिवा महाकुलसि वा महामिहंसि वा एगो एगिस्यीय