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________________ 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎 [20] श्री आगम मुधा सिन्धु नक्मों विभाग: भण्णति रागदोसा मुणन्यू जं कारणं एत्थं // 25.5 // संभुजणा विसुद्धा उनपराह कुणति णाणचरणायां / संझुंजणा अन्मुद्धा चरितभेद विधाणाहि // 2506 // भोगेण पमाएवं सहोसाणं तु होति समणुण्णा / एव चरित्नभेदो कि पुण सो कुवति पमादं // 25.7 // पूधारमपडिबद्धो सुद्ध अन्सुद्धं करेति संभोगं / अहवा नि अजाणतो संभोगविहीए गुणदोमे // 25.8 // पूजाहे. तु पमादी सेनति रमटेउग च तस्मेवी / जाणादिसुद्धमप्यं कुपति असुख तु सो एवं // 250 / बारम मूलपदा मलु संभोगविहीय पण्णिता सुत्ने / जत्तो पावादानं भणितं दुहाग उ-: म्येवो // 25 // उहिमुतभत्तपाणे अंजलीपग्गडे इय / नायणा यणिकाए य अब्दहाणे नि यानरे // 25 // कितिकम्मन्स ये करणे बेतानच्चकरणे इय / समोमरण सन्निसेज्जा कहाए य: पबंधणे // 2512 // एते बारसभेदा संभोगलिहीय तू समक्षाता। पावादाण तेनु तु इमेटिं डाणे िणायव्यं // 2513 // रागहोसाणुगतो जो संभोग पानए पत्तं / मो टुहो गायचो तस्सु क्सेवी विसंभोगो // 2514 // अहना वि इमेडिं त.कारोहि गिय मा भवे बिसंभोगो / मंभोगविहि जो विवरयं आयरेज्जाहि // 2515 // उरिमझिमहेदिहम संभोगदडाणा लिहा विभए / पडिसेहे पडिसेहो समणुण्णे होति समगुण्णो // 16 // उरिमए ति अहागड मन्निमा होति अप्पपरिकम्मा / सपरिकम्मा हेदिहम सभोगविही तिहा एसो // 17 // महाकडा मिलति अहाकडेमु भत्तं च पाण तह धोवणं वा / अहाकड़ा गच्छति डेदिहमेसु महोदडमा धुब्भ महाकडेसु // 25 // मज्झिमिता हदिहमते धुभति न तु हेदिहमा उरिमेसु / एमो लिविहोतु भने संभोगविही समामेण // 2511 // पडिमेहे पडिमेहो सपनि कम्म नु होति पडिबद्धं / तयस पुणो पडिसेडो उपरिकले मेल.... परिसेहो डेदवार उरिल्लो हदि मे अणुण्यातो, 聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
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