________________ 22 **** श्री पथकल्प भाष्यम् 81710 उ अवसराहा / संवासिया उगच्छे पवासिया कारणगतस्म // 19 // अहवा जा अणवदठो ता संवासिं तु डोंति अवगाहा / पारंची पावासी पवनति गच्छा उ जेणं तु // 1946 // पंचविडो सझाओ दाणाहणं. मि भयिो संचासो / पावामिए / दिज्जति ण य गहणं होति का. यव्वं // 1947 // आवण्णगपरिहारिए अमनदठे चेव दोण्हानेतेल / म वि दिति / वि घेप्पति सेसाणं दाग गडणं च // 194 // आलो. अगाए कप्पो एसो भगिओ मए समासेणं / उपसंपनाए कप्यं एत्तो उ समासओ वोच्छ ॥११४४विडंमि आगमंमि उ परवणा चे आयरया. ताय। पयंत्रणगहण अगुपालणाए उनसंपदा होति // 1950 // . आगमडे उबसपदा उ स य आगमो भने दुविहो / सुन्तं अत्यो य नहा पारगते तत्थ उनसपा // 1951 ॥दो आधरिया पा. रा कत्थर उपसंपदा तडि कुज्जा ? / जो णिउणतरं भामति मह गिउणं दो वि भामेति // 1952 // सामाधारी पडिलेहगादि जो तत्य आपरावति / दोमुवि समुज्जतेसु जो तहियं धम्मकहिओ उ॥१९५३॥ ता विय 9 मिक्खियब्बा सज्झायरसेव जेण ने अंग / दोमु विध म्मकडी जो तहियं गाहगो होति / / 1954 // गाहणमतीजुतेम दोसुवी कस्य होई उवासंपा। अतरंत असइबरगं विसेसओ जो उ पालेति // 1955 // एनेसु निमिदहतरी अण्णाडितोऽनिहाति उनसे ने। इतरो होति अजोग्गो जदि विय सोडोति गीयत्यो॥१९५६ // उ असंवि पुणा पण्णनणाकोविदो ति काऊणं / उपसंपज्जति बा. लो तम्स इमे होति दोसा उ / / 1957 // मीडमुह वग्यमुई उयहिं च पलितगं च जो परिममे / अभिवं मोमोसित एवं सि अप्पा परिचतो / / 195 // तह चरणकरणहीणे पासथे जो उ पविन्मले भिक्यू / जय माणे उ पहिउ सो ठाणे परिचयति तिथिया // 1459 // एमेव अ. हाधंदे कसील ओसन्नमेव संमत्ते / ज तिण्णिा परिचयंती गाण तह दसण चरितं / / १९६०॥क पुण उवासंपज्ने ? तत्य इमे होति चत्तारि / एगो देति लएइ य बितिओ देती / गेण्डति तु // 1761 / / ततिओ ण देति गेयहति // य देति न गेहती चउत्थो उ / पढमे उपसंपज्जइ मेसा उ तओ गऽगुण्णाया॥११६२॥ बितिए णिज्जरत्नाभं ण "FERE