________________ 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎 [16] श्री आगम सुधा सिन्धु नवमो विभाग गीतमहाओ बिहरे मंनिगेहि न जयणनुनो 3 / अमती बिमग्गमाणो मेने काले इमं माण // 174/1 // पंच बाल मने अतिरेगं वार जोयणाण तु / गीनस्थ पादमूलं परिमगेज्जा अपरितंतो / / 1742 // एक्नं व दो व तिषिण व उस्को बारसेव वात्माइं / गीतत्यपाद - मूलं पोरमगोज्जा अपरितो // 1743 // पंच व सन सत्ते अति रेग वा वि जोषणाणं तु / संविणपारमूलं पोरेमग्गेज्जा अौरतंतो 11744 // एक्कन दो व तिषिण व उक्कोन्स बारसेव वासाई / .. संविग्गपादमूल परिमग्गेज्जा अपरितंतो // 1045 // संविग्गो गीय... स्थो भंगचउक्के उ पढममुबसपा / असती ततियोतिए चउत्थगणों उ उवसंपे // 1746 // उक्कमओ खलु लहुगो चउरो लडुगा चउत्थर्भगमि / जस्सट्टा उपसंपद तंत्थि चउत्थभंगमि // 1040 // एतेमि तु अनंभे एगो थामावडारमकरेंतो / विहरेज गुणमिद्धो अगिदाणो आगमसहाओ // 1748 // कालंमि संकिलिहे छक्कायदयानरो वि संवि - गो / जयजोगीण अलंभे पणगण्णतरेण संवासो॥oven पणगण्ण. तरं पासत्यमादिभंगे चउत्थर जयणा / जत्थ संती ते दहाति ताह वीसु वसहीए // 15 // सि णिनेदेऊण अह नन्थ ण होज्ज अण्णनमही 3 / णल हेज्ज वा उदंत मसेज तो एक्कवसहीए // 1051 // अपरीभोगोगासे त स्थ हितो तु पुणो रियजएज्जा / आहारमादिएहि इमेण वोहणा ज हाकमसो // 1752 // आहारे उनामि य गेलण्णागाठकारणे ना नि / धामानहाविजठो असती जुत्तो ततो गहणं // 1753 // आहार उहिमादी उप्पादे अप्पणा निसुद्धं तु / असती सतलाभस्सा उजो तेसि मा. हुपक्सीओ // 15 // सो नु कुलाइ मुछिज्जते उ दापति ना नि सो ते / तहनी अलभतो तू जतती पणहाणि जा लहगा // 1755 // संविगप• क्ससहिओ ताहे उप्पादएज्ज मुख तु / असती पणहाणीए जइनु अ ये पडिग्गहरा // 1756 // तह असती तमायणमाणीय गेण्हती तहि चेव / णियगेलि पांगहरो गेण्डति पासस्थपायाउ आदान / / 1757 // ., उहि पुराणहित अप्पपरिभुन गेण्हती लेसि // असती तएतर पी याद य गिलाणो भने तन्य | तस्य वि जइज्ज एल अस. 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎