________________ श्री निशयि सूत्र उद्देशकः 3] [8] अप्पणी सीसवारियं करे३ करतं वा साइज॥०६८॥ भिक्रयू सणकप्पास भी ना उvणकभ्यासभोवापीण्डकप्यासी वा / अमिलकप्यासओवा वसीकरणसोत्तियं करे३ करंतं वा साइजइ . ॥सू०६९) जे भिकरवू गिहंसिवा गिह मुहंसि वा गिटबुवारंसिवा गिह पडिटु वारंसिवा गिहेलयंसि वा गिहंगणं सि वा गिहनचंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिवे३ परिरठवतं वा साइज ॥सू०१०॥ जे भिक्रमडगगिहसिवा मडगगरियसि वा मडगधूभियंसिवा मडगासथति वा नडालेगंसि वा मडगाण्ड लंसि वा मगधंसि वा उच्चारंवा पासवणं वा परिठवेइपर नंतं वा साइजइ // सू०७३ जे भिक्खू इगालाहसिवा खारदाहसिबा गायराहंसिवा तसरासि वा कसदाहसि वा उधार जाव साइज // 1072 / जे भिक्खू आययणंसि जा पंकं सिवा पणगंसि ना उच्चार जार साइच।।०१३॥ जे भिक्रयू नवियासु वा गोले हणियासु नवियासुबा महियावाणीसु परिभु ज्जमाणिसुवा अपरिभुज्जमाणियासुवा उधार आव साइज्ज।।०१४।। जे भिक्खू उंबरवञ्चसिवानगोहवञ्चसि वा आसत्यवचंसिना पिलंखुवञ्चसि वा डागवसिवा उच्चार आव साइज। सू०७५॥जे भिक्षु इम्खुवणं सिवा सालिवणसिवा कुसुभवणसि वा कप्यासनणं सिवा उधार जाव साइज्ञ३॥ 176 // जे भिकरवू डागअच्छसि वा सागवचसिवा मलयवसिवा कोत्पबारिवचसिवा खारवजसिवाजीरयवञ्चसिबा दमणगव, सिवा मरुगवचसिवा उच्चारं जान साइजइ / / सू० 39।।जे भिक्कू भसोगवणं सि बा सत्तिवण्णवणंसि वा चपगवणंसिवा तिनयवर्ण सिवा बाउलनणं सिवा चूयवणंसिआ अन्नयरसु तह प्पणारेसु पती व एसु पुष्फोबासु फलोबसु छाओवएसु उच्चारं आव साइज 106 / / सू०१८॥जे भिगर सपार्थसिवा परपायंसि वा दिया था राओबाबियालिया