________________ 9 श्री भागम सुधा सिंधु नवमी विभाग दह सावो पुच्छे / केवतिभतीय कम्स करेस पाएण प. च्याड // 603 // दाहामी पतिादेवम तव पार्ट गंतु साहको बहि / सावेण पेसिओऽहं करेज्ज जं आणवे साडू // 604 // साह भणंति दमगं जो पव्वइन करति कम्मम्डं। 2 काखेमु नगि हिं पचइओ टच्चओ नाहे // 605 // माह भणीत दिवम पर्टियव्वं जंच देम उवएमं / एवं कम्म अम्हं मिल्छ विहं पि गाडिति // 606 // कोतवदिवस गतेहिं मह सड़लो भणति तं भतिं गिण्ड / उन्कोसगभलेणं सुहितो रनो लवे इणमो॥६०७ अच्छतु तुब्भं इत्थे जति ता मगो नदा दलेज्जाहि / कतिवर्याद वसेहिं ततो अभिगयधम्मो उवविभो / दारं ME परिजणे मा भाणता सुविणे देवीए पुप्पचलाए / जरगाणं टसणेणं . व्चज्जा ऽऽवस्सए कुत्ता दारं // 609 // चतुरो तु गोणपाला मत्था. डीणं जतिं तु अडचिए / पडिलाभिति पहा दोहि दुरंधाइय तहियं // 610 // दियलोगगता तत्तो चइतुं दुगुंछी दसण्णे दासतं / तत्तो मिगा य हंसा सोवागा चित्तसंभूता 6 अगुंगी तिधगरं पुच्छति किं सुलभटुलभबोडि म्हे / नित्यंकराह विग्धं अम्मापितरो करेडिंति // 62 // तो ओहिणा पासित्ता माहणपुनत णगरमुमुगारे / मौ माहणो अपुत्तो पुति मित्तिए बहवे // 613 // ने काउ समणरूवं उसुगारपुरम्म आगता कहए / बहजण तीतादीणि नो पुच्छे माहणो ले उ // 614 // होज्जाम्ह कि चऽवच्चं पच्याङ चुया दिया तु होडिंति / दो जमलदारणा तू कुमारगा पव्वइस्यति // 615 // मा तेसि करेज्जासी विग्यमव. स्सं च तेसि पव्वज्जा / डोरी वोषण गता चइतु उक्वन्नया सिं / / 616 // बालताम्मापितरो भगोवि सम्मणाण सरिससवेणं। रक्वस्य माणुसखाता भर्मति दइण ते पुत्ता // 617 // मा तेसि अल्लिएज्जह दूरंदूरेण परिहरेज्जाड | मा भक्सेज्जा ने भे लेवि य . तेरिय पडिसुणेति // 618 // रादि जत्य पासंति मंजए ने नो पलायत / अह अन्जया जगरबहिं चेडे पासंति वंदंते // 66 // बिति य अम्मापितरो दिदहाऽम्हे चेङ वंदमाणा तु। वि समणस्व र. 幾護獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎