________________ प्रकीर्णकानि : 8 श्रीगणिविद्याप्रकीर्णकम् / [60 विजत्रो पंचंगुलियो छच्चेव य नेरियो हवइ जुत्तो। वरुणो य हवइ. बारस अजमदीवा हवइ सट्ठी // 51 // छन्नई अंगुलाई // एए दिवसमुहूत्ता रत्तिमुहुत्ता वियाहिया / दिवसमुहुत्तगईए छायामाणं मुणेयव्वं / / 52 // मित्ते नंदे तह सुट्ठिए य, अभिई चंदे तहेव या। वरुणग्गिवेस-ईसाणे थाणंदे विजए इय / / 53 // एएसु मुहुत्तजोएसु, सेहनिक्खमणं करे। वउवट्ठावणाई च, अणुना गणिवायए // 54 // बंभे वलए वाउम्मि उसभे वरुणे तहा / श्रणसणपाउव-गमणं, उत्तमद्रं च कारए // 55 // दारं 6 // पुनामधिज-सउणेसु, सेहनिक्खमणं करे ।थीनामेसु सउणेसु, समाहिं कारए विऊ // 56 // नपुंसएसु सउणेसु, सव्वकम्माणि वजए। वामिस्सेसु निमित्तेसु, सवारंभाणि वजए // 57 // तिरियं बाहरतेसु, श्रद्धाण गमणं करे। पुफियफलिए वच्छे, सज्झायं करणं करे // 58 // दुमखंधे वाहरतेसु, सेहुवट्ठावणं करे / गयणे वाहरतेसु, उत्तमटुंतु कारए // 51 // बिलमूले वाहरंतेसु, ठाणं तु परिगिराहए। उप्पायम्मि वयंतेसु, सउणेसु मरणं भवे // 60 // पक्कमंतेसु सउणेसु, हरिसं तुटुिं च वागरे। दारं 7 / चलरासिविलग्गेसु, सेहनिक्खमणं करे // 61 // थिररासिविलग्गेस, वयोवट्ठावणं करे / सुयखंधाणुनायो, उहिसे य समुद्दिसे // 62 // बिसरीरविलग्गेसु, सज्मायकरणं करे। रविहोराविलग्गेसु, सेहनिक्खमणं करे। // 63 // चंदहोराविलग्गेसु, सेहीणं संगहं करे / सुम्मदिकोणलग्गेसु चरणकरणं तु कारए // 6 // कूणदिकोणलग्गेस, उत्तमट्ठं तु कारए / एवं लग्गाणि जाणिज्ज, दिकोणेसु ण संसयो // 65 // सोमग्गहविल गेस, सेहनिक्खमणं करे / कूरग्गहविलग्गेसु, उत्तम, तु कारए // 66 // राहुकेउविलग्गेसु सव्वकम्माणि वजए / विलग्गेसु पसत्थेसु पसत्थाणि उ धारभे // 57 // अप्पसत्थेसु लग्गेसु, सव्वकम्माणि वजए / विलग्गाणि उ जाणिज्जा, गहाण जिणभासिए // 6 //