________________ 18] [मीनदानमावासिन्धु अष्टनो विनागर उग्गा वियाहिया / एएसु तवं कुजा, सभितरबाहिरं चेव // 34 // तिन्नि सयाणि सट्टाणि, तवोकम्माणि अाहिया। उग्गनवखत्तजोएसु तेसुमन्नतरे करे // 35 // वित्तिया य विसाहा य, उम्हा एयाणि दुनि उ। लिंपणं सीवणं कुजा, संथारुग्गहधारणं // 36 // उपकरणभंडमाईणं, विवायं चीवराणि य। उवगरणं विभागं च, पायरियाणं तु कारण // 37 // धणिट्ठा सयभिसा साई, सवणो य पुणवसू / एएसु गुरुसुस्सूसं, चेइयाणं च पूयणं // 38 ॥समायकरणं कुजा, विजा विरई च कारए / वयोवट्ठा. वणं कुजा, अणुन्नं गणिवायए // 31 // गणसंगहणं कुजा, सेहनिक्खमणं करे। संगहोवग्गहं कुजा, गणावच्छेइयं तहा // 40 // दारं // 3 // बव 1 बालवं च 2 तह कोलवं च 3 थीलोयणं 4 गराई च 5 / वणियं 6 विट्ठी य तहा 7 सुद्धपडिवए निसाईया // 41 // सउणि चउप्पय नागं किंथुग्धं च करणा धुवा हुँति / किराहचउद्दसि-रत्तिं सउणी पडिवजए करणं // 42 // काऊण तिहिं बिगुणं जुराहगे सोहए न पुण काले। सत्तहिं हरिज भागं सेसं जं तं भवे करणं // 43 // बवे य बालवे चेव, कोलवे वणिए तहा / नागे चउप्पए यावि, सेहनिवखमणं करे // 44 // बवे उवट्ठावणं कुन्जा, अणुन्नं गणिवायए / सउणीमि य विट्टीए, अणसणं तत्थ कारए // 45 // दारं // 4 // गुरुसुक्कसोमदिवसे, सेहनिक्खमणं करे। वयोवट्ठावणं कुना, अणुन्नं गणिवायए // 46 // रविभोमकोण(ड)दिवसे, चरणकरणाणि कारए / तवोकम्माणि कारिजा, पायोवगमणाणि य // 47 // दारं // 5 // रुद्दो उ मुहुत्ताणं बाई छन्नव. इअंगुलच्छात्रो। सेयो उ हवइ सट्ठी बारसमित्तो हवइ जुत्तो / 48 // छन्चेव य श्रारभडो सोमित्तो पंचअंगुलो होइ। चत्तारि य वइरिज़ो दुश्चेव य सावसू होइ // 41 // परिमंडलो मुहुत्तो असीवि मभंतिते ठिए होई। दो होइ रोहणो पुणबलो य चउरंगुलो होइ. // 50 //