________________ 64] ___ [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / / अष्टमो विभागः // 8 // अथ श्रीगणिविद्याप्रकीर्णकम् // __ तुच्छं बलाबलविहिं नवलविहिमुत्तमं विउपसत्थं / जिणवयणभासियमिणं पवयणसत्यम्मि जह दिळं // 1 // दिवस 1 तिही 2 नक्खता 3 करण 4 ग्गहदिवसया 5 मुहुत्तं च 6 / सउणवलं 7 लग्गबलं 8 निमित्तालमुत्तमं वावि // 2 // होराबलिया दिवसा जुगहा पुण दुबला उभयपक्खे। विवरीयं राईसु य बलाबलविहिं वियाणाहि // 3 // दारं पाडिवए पडिवत्ती नत्थि विवत्ती भणंति बीघाए / तइयाए अत्यसिद्धी विजयग्गा पंचमी भणिया // 4 // जा एस सत्तमी सा उ बहुगुणा इत्थ संसो नत्थि। दसमीइ पत्थियाणं भवंति निक्कंटया पंथा // 5 // थारुग्गमविग्धं खेमियं च इक्कारसिं वियाणाहि / जेऽवि हु हुँति अमित्ता ते तेरसी पिट्ठयो जिणइ // 6 // चाउद्दसि पनरसिं वजिजा अट्टमि च नवमि च / छट्टि चउत्थिं बारसिं च दुराहंपि पक्खाणं // 7 // पदमीपंचमि दसमी पनरसिकारसीविय तहेव एएसु य दिवसेसु सेहे निक्खमणं करे // 8 // नंदा भद्दा विजया तुच्छा पुन्ना य पंचमी होइ / मासेण य छव्वारे इक्किकावत्तए नियए // 1 // नंदे जए य पुन्ने, सेहनिक्खमणं करे। नंदे भद्दे सुभदावे, पुन्ने अणसणं करे / 10 / दारं पुस्सऽस्सिणिमिगसिररेवई य हत्थो तहेव चित्ता य। अणुराहजिट्ठमूला नव नक्खत्ता गमणसिद्धा // 11 // मिगसिर महा य मूलो विसाहा तहेव होइ अणुराहा / हत्थुत्तर-रवाअस्सिणी य सवणे य नक्खत्ते // 12 // एएसु य श्रद्धाणं पत्थाणं गणयं च कायम् / जइ य गहुथं न चिट्ठइ संझामुवकं च जइ होइ // 13 // उप्पन्नभत्तपाणो श्रद्धाणम्मि सया उ जो होइ / फलपुष्फोवगवेयो गोवि खेमेण सो एइ // 14 // संझागयं रविगयं विड्डेरं सग्गहं विलंबिं च / राहुगयं गहभिन्नं च वजए सवनक्खत्ते // 15 // अस्थमणे संझागय रविगग जहियं ठियो उ पाइयो / विड्डेरमवद्दारिय सग्गह कूरग्गहठियं