________________ श्रीमज्जम्बूद्वीपप्रज्ञप्त्युपाङ्गसूत्र :: द्वितीयो वझस्कारः ] [ 23 दाहाइ वा अरिसाइ वा अजीरगाइ वा दयोदराइ वा पंडुरोगाइ वा भगंदराइ वा एगाहियाइ वा बेबाहिश्राइ वा तेबाहिबाइ वा चउत्थाहियाइ वा इंदग्गहाइ वा धणुग्गहाइ वा खंदग्गहाइ वा कुमारग्गहाइ वा जक्खग्गहाइ वा भूयग्गहाइ वा मत्थयसूलाइ वा हिअयसूलाइ वा पोट्टसूलाइ वा कुच्छिसूलाइ वा जोणिसूलाइ वा गाममारीइ वा जाव सगिणवेसमारीइ वा पाणिक्खया जणक्खया कुलक्खया वसणभूमणारिश्रा ?, गोयमा ! णो इण? सम8, ववगयरोगायंका णं ते मणुश्रा पराणत्ता समणाउसो ! 23 // सूत्रं 2.4 // तीसे णं भंते ! समाए भारहे वासे मणुयाणं केवइयं कालं ठिई पराणत्ता ?, गोयमा ! जहरणेणं देसूणाई तिरिण पलिश्रोवमाई उक्कोसेणं देसूणाई तिरिण पलियोवमाइं 1 / तीसे णं भंते ! समाए भारहे वासे मणुाणं सरीरा केवइयं उच्चत्तेणं पराणत्ता ?, गोयमा / जहन्नेणं देसूणाई तिरिण गाउाई उक्कोसेणं तिरिण गाउप्राइं 2 / से णं भंते ! मणुश्रा किंसंघयणी पराणत्ता ?, गोयमा ! वइरोसभणाराय संघयणी पराणत्ता 3 / तेसि णं भंते ! मणुयाणं सरीरा किंसंठिया, पराणत्ता ?, गोश्रमा ! समवउरंस-संठाणसंठिया, तेसि णं मणुयाणं बेछप्पराणा पिट्ठकरंडयसया पराणत्ता समणाउसो ! 4 / ते णं भंते ! मणुया कालमासे कालं किच्चा कहि गच्छंति कहिं उववज्जति ?, गोयमा ! छम्मासावसेसाउथा जुअलगं पसवंति, एगणपण्णं राइदिवाइं सारक्खंति संगोवेंति 2 ता कासित्ता छीइत्ता जंभाइत्ता अकिट्ठा अवहिश्रा अपरिश्राविश्रा कालमासे कालं किचा देवलोएसु उववज्जंति, देवलोअपरिग्गहा णं ते मणुया पराणचा समणाउसो ! 5 | तीसे णं भंते ! समाए भरहे वासे कइविहा मणुस्सा अणुसजित्था ?, गोयमा ! छविहा पराणत्ता, तंजहा-पम्हगंधा 1 मित्रगंधा 2 अममा 3 तेश्रतली 4 सहा 5 सणिचारी 6, 6 // सूत्र 25 // तीसे णं समाए चउहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं काले विइक्कते अणंतेहिं वगण