________________ श्रीमज्जम्बूद्वीपप्रज्ञप्त्युपाङ्ग सूत्र :: सप्तमो वक्षस्कारः ] [ 206 एग जोश्रणसयसहस्सं यायामविक्खंभेणं तिरिण जोश्रणसयसहस्साइं सोलस य सहस्साई दोरिण अ सत्तावीसे जोयणसए तिरिण अ कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस अंगुलाई श्रद्धंगुलं च किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, एगं जोश्रणसहस्सं उव्वेहेणं णवणउति जोत्रणसहस्साई साइरेगाई उद्धं उच्चतेणं साइरेगं जोयणसयसहस्सं सव्वग्गेणं पराणत्ते // सूत्रं 177 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दोवे किं सासए असासए ?, गोयमा ! सिय सासए सित्र असासए 1 / से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ-सिय सासए सित्र असासए ?, गोयमा ! दव्वट्ठयाए सासए वणपजवेहिं गंधषजवेहिं रसपजवेंहि फासपज्जवेहि असासए, से तेण?णं गोयमा ! एवं वुच्चइ सित्र सासए सित्र यसासए 2 / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे कालयो केवचिरं होइ ? गोयमा ! णा कयावि णासि ण कयावि णत्थि ण कयावि ण भविस्सइ, भुविं च भवइ अ भविस्सइ अ धुवे णिइए सासए अक्खए अव्वए अवट्ठिए णिच्चे जंबुद्दीवे दीवे पराणत्ते 3 // सूत्रं 178 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे किं पुढविपरिणामे ग्राउपरिणामे जीवपरिणामे पोग्गलपरिणामे ?, गोत्रमा ! पुढविपरिणामेवि ग्राउपरिणामेवि जीवपरिणामेवि पुग्गलपरिणामेवि 1 / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे सव्वपाणा सव्वजीवा सव्वभूया सव्वसत्ता पुढविकाइअत्ताए ग्राउकाइयत्ताए तेउकाइयत्ताए वाउकाइयत्ताए वणस्सइकाइअत्ताए उववराणपुव्वा ?, हंता गोत्रमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो 2 // सूत्रं 171 // से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ जंबुद्दीवे 2 ?, गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 बहवे जंबूरुक्खा जंबूवणा जंबवणसंडा णिच्चं कुसुमिया जाव पिंडिम-मंजरिवडेंसगधरा सिरीए अईव उवसो. भेमाणा चिट्ठति, जंबूए सुदंसणाए अणाढिएणामं देवे महिद्धीए जाव पलिश्रोवमट्टिइए परिवसइ, से तेणटेणं गोत्रमा ! एवं बुच्चइ जंबुद्दीवे दीवे // सूत्रं 180 // तए णं समणे भगवं महावीरे मिहिंलीए णयरीए माणि