________________ 132 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: सप्तमो विभागः 3, वप्पावई विजए अपराइया रायहाणी फेणमालिणी णई 4, वग्गू विजए चक्कपुरा रायहाणी णागे वक्खारपब्वए 5, सुवग्गू विजए खग्गपुरा रायहाणी गंभीरमालिणी अंतरणई 6, गन्धिले विजए अवज्झा रायहाणी देवे वक्खारपव्वए 7, गंधिलावई विजए अयोज्झा रायहाणी 8, 2 // एवं मंदरस्स पव्वयस्स पचत्थिमिल्लं पासं भाणिग्रव्वं तत्थ ताव सीयोग्राए महाणईए दक्खिणिल्ले णं कूले इमे विजया, तंजहा-पम्हे सुपम्हे महापम्हे, चउत्थे पम्हगावई / संखे कुमुए णलिणे, अट्ठमे णलिणावई // 1 // 3 / इमायो रायहाणीयो, तंजहा-यासपुरा सीहपुरा महापुरा चेव हवइ विजयपुरा। अवराइया य अरया असोग तह वीअसोगा य // 2 // 4 // इमे वक्खारा, तंजहा-अंक पम्हे ग्रासीविसे सुहावहे, एवं इत्थ परिवाडीए दो दो विजया कूडसरिसणामया भाणिचा दिसा विदिसायो श्र भाणिअब्वायो, सीयोयामुहवणं च भाणिग्रव्वं सीबोयाए दाहिणिल्लं उत्तरिल्लं च 5 / सीबोयाए उत्तरिल्ले पासे इमे विजया, तंजहा-वप्पे सुवप्पे महावप्पे चउत्थे वप्पयावई / वग्गू अ सुवग्गू अ, गंधिले गंधिलावई // 1 // 6 / रायहाणीयो इमायो, तंजहा-विजया वेजयन्ती जयंती अपराजिया / चक्कपुरा खग्गपुरा हवइ अवज्झा उज्झा य // 2 // 7 / इमे वक्खारा तंजहा-चन्दपव्वए 1 सूरपवए 2 नागपव्वए 3 देवपव्वए 4, 8 / इमायो णईयो सीयोयाए महाणईए दाहिणिल्ले कले-खीरोया सीहसोथा यंतरवाहिणीयो गाईयो 3, उम्मिमालिणी 1 फेणमालिणी 2 गंभीरमालिणी 3 उत्तरिल्लविजयाणन्तरा उत्ति, इत्थ परिवाडीए दो दो कूडा विजयसरिसणामया भाणिग्रव्या, इमे दो दो कूड़ा अवट्ठिया तंजहासिद्धाययणकडे पव्वयसरिसणामकूडे 1 // सूत्रं 103 // कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे मंदरे णामं पव्वए पराणत्ते ?, गोत्रमा ! उत्तरकुराए दक्खिणेणं देवकुराए उत्तरेणं पुब्वविदेहस्स वासस्स पच्चत्थिमेणं अवरविदे