________________ [ 76 श्रीमज्जम्बूद्वीपप्रज्ञप्त्युपाङ्ग सूत्र :: तृतीयो वक्षस्कारः ] य जयजयसब च पउंजमाणा पुरश्रो ग्रहाणुपुब्बीए संपट्ठिा 20 / एवं उववाइअगमेणं जाव तस्स रगणो पुरो महासा बासधरा उभयो पासिं णागा णागधरा पिट्टयो रहा रहसंगेली अहाणपुवीए संपट्टिया इति 21 / तए णं से भरहाहिवे णरिंदे हारोत्यय-सुकय-रइअवच्छे जाव अमरवइसरिणभाए इद्धीए पहियकित्ती चक्करयणदेसिअमग्गे अणेग-राय-वरसहस्साणुश्रायमग्गे जाव समुह--वभूयंपिव करेमाणे 2 सव्विद्धीए सबज्जुईए जाव णिग्घोसणाइयरवेणं गामागर-णगर-खेडकब्बडमडंब जाव जोश्रणंतरित्राहिं वसहीहि वसमाणे 2 जेणेव विणीया रायहाणी तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता विणीपाए रायहाणीए अदूरसामंते दुवालसजोषणायामं णवजोयणविच्छिराणं जाव खंधावाणिवेसं करेइ 2 ता वद्ध इरयणं सदावेइ 2 त्ता जाव पोसहसालं अणुपविसइ 2 ता विणीपाए रायहाणीए अट्ठमभत्तं पगिराहइ 2 ता जाव अट्ठमभत्तं पडिजागरमाणे 2 विहरइ 22 / तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालारो पडिणिक्खमइ 2 ता कोड बियपुरिसे सदावेइ 2 त्ता तहेव जाव अंजणगिरिकूडसरिणभं गयवई णरवई दूरुढे तं चेव सव्वं जहा हेट्ठा णवरिं णव महाणिहियो चत्तारि सेणाश्रो ण पविसंति सेसो सो चेव गमो जाव णिग्घोसणाइएणं विणीपाए रायहाणीए मज्झमज्झेणं जेणेव सए गिहे जेणेव भवणवरवडिंसगपडिदुवारे तेणेव पहारेत्थ गमणाए 23 / तए णं तस्स भरहस्स रराणो विणीअं रायहाणिं मझमज्भेणं अणुपविसमाणस्स अप्पेगइया देवा विणीचं रायहाणिं सम्भंतरबाहिरियं बासिन-सम्मजियोवलित्तं करेंति अप्पेगइया मंचाइमंचकलियं करेंति, एवं सेसेसुवि पएप्सु 24 / अप्पेगइया णाणाविह-राग-वसणुस्सिय-धय-पडागामंडितभूमिधे अप्पेगइया लाउल्लोइत्रमहिनं करेंति अप्पेगइथा जाव गंधवट्टिभूधे करेंति, अप्पेगइया हिरगणवासं वासिंति सुवराण-रयण-वइराभरणवासं वासेंति 25 /