________________ 32 / [ श्रीमदाग़मसुधासिन्धुः / षष्ठो विभागः माहेसरी 16 दोमिलिवी 17 पोलिन्दी 18, सेत्तं भासारिया 12 / से कि तं नाणारिया ?, नाणारिया पंचविहा पन्नत्ता, तंजहा-श्राभिणिबोहियनाणारिया सुयनाणारिया योहिनाणारिया मणपजवनाणारिया केवलनाणारिया, सेत्तं नाणारिया 12 / से किं तं दंसणारिया ?, दंसणारिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सरागदंसणारिया य वीयरायदंसणारिया य 14 / से किं तं सरागदसणारिया ?, सरागदसणारिया दसविहा पन्नत्ता, तंजहा'निसग्गुवएसरुई ग्राणाई सुत्तबीयरुइमेव / अभिगमवित्थाररुई किरियासंखेवधम्मरई // 120 // भूयत्थेणाहिगया जीवाजीवे य पुराणपावं च / सहसंमुइया पासवसंवरे य रोएइ उ निसग्गो // 121 // जो जिणदिट्ठ भावे चउबिहे सद्दहाइ सयमेव / एमेव नन्नहत्ति य निसग्गरुइत्ति नायव्यो // 122 // एए चेव उ भावे उवदितु जो परेण सदहइ। छउमत्थेण जिणेण व उवएसरुइत्ति नायवो // 123 // जो हेउमयाणंतो श्रोणाए रोयए पवयणं तु / एमेव नन्नहत्ति य एसो बाणारई नाम // 12.4 // जो सुत्तमहिज्जतो सुएण योगाहई उ सम्मत्तं / अंगेण बाहिरेण व सो सुत्तरइत्ति णायव्यो // 125 // एगपएणेगाई पदाइं जो पसरई उ सम्मत्तं / उदएव्व तिल्लबिंदू सो बीयरुइति नायव्वो // 126 // सो होइ अभिगमरुई सुयनाणं जस्स अत्थयो दिटुं / इकारस अंगाई पइन्नगा दिट्टिवायो य // 127 // दव्वाण सबभावा सव्वपमाणेहिं जस्स उबलद्धा / सव्याहिं नयविहीहिं वित्थाररुइत्ति नायब्वो // 128 // दंसणनाणचरित्ते तवविणए सव्वसमिइगुत्तीसु / जो किरियाभावरुई सो खलु किरियाई नाम // 121 / / श्रणभिगहियकुदिट्ठी संखेवरुइत्ति होइ नायव्यो / अविसारो पवयणे श्रणभिग्गहियो य सेसेसु // 130 // जो अत्थिकायधम्म. सुयधम्मं खलु चरित्तधम्मं च / सदहइ जिणाभिहियं सो धम्मरुइत्ति नायव्वो // 131 // परमत्थसंथवो वा सुदिट्ठपरमत्थसेवणा वावि / वावन्नकुदंसणवजणा य दूबा रत्ति नायकायाभावरुई 5 नायव्वा यधम्म.