________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं 24 / [ 345 // अथ कर्मप्रकृतिबन्धाख्यं चतर्विशतितमं पदम् // कति णं भंते ! कम्मपगडीयो पराणत्तायो ?, गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीयो पराणत्तायो, तंजहा-णाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं 1 / जीवे णं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्म बंधमाणे कति कम्मपगडीतो बंधइ ?, गोयमा ! सत्तविहबंधए. वा अट्ठविहबंधए वा छबिहबंधते वा 2 / नेरइए णं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्म बंधमाणे कति कम्मपगडीतो बंधति ?, गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा, एवं जाव वेमाणिते, णवरं मणुस्से जहा जीवे 3 / जीवा णं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्मं बंधमाणा कति कम्मपगडीयो बंधति ?, गोयमा ! सब्वेवि ताव होज सत्तविहबंधगाय अट्टविहबंधगा य ग्रहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य छविहबंधगे य ग्रहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छबिहबंधगा य 4 / णेरइया णं भंते ! णाणावरणिज्ज कम्म बंधमाणा कति कम्मपगडीतो बंधंति ?, गोयमा ! सव्वेवि ताव होजा सत्तविहबंधगा अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य, अहवा सत्तविहबंधगा य अविहबंधगा य तिरिण भंगा, एवं जाव थणियकुमारा 5 / पुढविकाइया णं पुच्छा, गोयमा ! सत्तविहबंधगावि अट्ठविहबंधगावि एवं जाव वणप्फइकाइया, विगलाणं पंचिंदिय-तिरिक्खजोणियाणं तियभंगो सव्वेवि ताव होज सत्तविहबंधगा ग्रहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य 6 / मणूसा णं भंते ! णाणावरणिजस्स पुच्छा, गोयमा ! सब्वेवि ताव होजा सत्तविहबंधगा 1 अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य 2 श्रहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य 3 ग्रहवा सत्तविहबंधगा य छविहबंधए य 4 ग्रहवा सत्तविहबंधगा य छविहबंधगा य 5 अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य छबिहबंधगे य 6 अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य छविहबंधगा य 7 अहवा सत्तविहबंधगा य 44 .