________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं १५-उ० 2 ) [ 231 वा चउवीसा वा संखेजा वा, एवं जाव गेवेजगदेवत्ते 30 / विजय-वेजयंतजयंत-अपराजितदेवत्ते अतीता कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अस्थि अट्ट, केवतिया बद्धलगा ?, गोयमा ! अट्ट, केवतिया पुरेक्खडा ?, गोयमा ! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अस्थि अट्ट, एगमेगस्स णं भंते ! विजयवेजयंत-जयंत-अपराजियदेवस्स सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते केवइया दबिदिया अतीता?, गोयमा ! णत्थि, केवइया बद्धेल्लगा ?,गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ?, गोयमा ! कस्सइ अस्थि कस्सइ णत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ 31 / एगमेगस्स णं भंते ! सव्वट्ठसिद्धगदेवस्स नेरइयत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ?, गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धेल्लगा ?, गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ?, गोयमा ! णस्थि, एवं मणूसवज्जं जाव गेवेजगदेवत्ते, नवरं मणूसत्ते अतीता अणंता, केवइया बद्धलगा ?, गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ?, गोयमा ! अट्ट, विजय-वेजयंत-जयंत-अपराजितदेवत्ते अतीता कस्सति अस्थि कस्सति नत्थि, जस्स अत्थि अट्ट, केवइया बद्धेल्लगा ?, गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ?, गोयमा ! णस्थि 32 / एगमेगस्स णं भंते ! सब्वट्ठसिद्धगदेवस्स सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते केवइया दविदिया अतीता ?, गोयमा ! णत्थि, केवइया बद्धलगा ?, गोयमा ! अट्ट, केवइया पुरेक्खडा ?, गोयमा ! णत्थि / नेरइयाणं भंते ! नेरइयत्ते केवतिता दविदिया अतीता ?, गोयमा ! श्रणंता, केवइया बद्धेल्लगा ?, गोयमा ! असंखेजा, केवइया पुरेक्खडा ?, गोयमा ! अणंता, नेरझ्याणं भंते ! असुरकुमारत्ते केवइया दविदिया अतीता ?, गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धलगा ?, गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेवखडा ?, गोयमा ! अणंता, एवं जाव गेवेजगदेवत्ते 33 / नेरझ्याणं भंते ! विजय-वेजयंत-जयंत-अपराजितदेवत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ?, गोयमा ! नत्थि, केवइया बद्धलगा ?, गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ?, गोयमा ! असंखिजा, एवं सब्वट्ठसिद्धगदेवत्तेवि, एवं जाव पंचिदियतिरिक्ख