________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोंपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं 15-1 ) [ 216 काइयाणं फासिदियस्स कक्खडगरुयगुणा तस्स चेव मउयलहुयगुणा अणंतगुणा 14 / एवं ग्राउकाइयाणवि जाव वणप्फइकाइयाणं, णवरं संठाणे इमो विसेसो दट्टयो-याउकाइयाणं थिबुगबिंदु-संठाणसंठिते पन्नत्ते, तेउकाइयाणं सूइकलाव-संठाणसंठिते पन्नत्ते, वाउकाइयाणं पडागा-संठाणसंठिते पन्नत्ते, वणप्फइकाइयाणं णाणा-संठाणसंठिते पन्नत्ते 15 / बेइंदियाणं भंते ! कति इंदिया पत्रता ?, गोयमा ! दो इंदिया पन्नत्ता, तंजहा-जिभिदिए फासिदिए, दोराहंपि इंदियाणं संगणं वाहल्लं पोहत्तं पदेसं ओगाहणाय जहा श्रोहियाणं भणिता तहा भाणियब्वा, णवरं फासिदिए हुंडसंठाणसंठिते पराणत्तेत्ति इमो विसेसो 16 / एतेसिणं भंते ! बेइंदियाणं जिभिदिय-फासिंदियाणं योगाहणट्टयाते पदेसट्टयाते योगाहण-पदेसट्टयाते कयरे२हितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! सवत्थोवे बेइंदियाणं जिभिदिए योगाहणट्ठयाते फासिदिए योगाहणट्ठयाते संखेजगुणे पदेसट्ठयाते सबथोवे बेइंदियाणं जिभिदिते पएसट्टयाए फासिदिए संखेजगुणे योगाहणपएसट्ठयाते सम्वत्थोवे बेइंदियस्स जिभिदिए योगाहणट्टयाते फासिदिए योगाहणट्ठयाते संखेजगुणे फासिदियस्स योगाहणट्ठयातेहितो जिभिदिए पएसट्टयाते अणंतगुणा फासिदिए पएसट्टयाए संखेजगुणा 17 / बेइंदियाणं भंते ! जिभिदियस्स केवइया कक्खडगरुयगुणा पत्नत्ता ? गोयमा ! अणंता, एवं फासिंदियस्सवि, एवं मउयलहुयगुणावि 18 / एतेसि णं भंते ! बेइंदियाणं जिभिदियफासिंदियाणं कक्खडगरुयगुणाणं मउयलहुयगुणाणं कक्खडगुरुयगुण-मउयलहुयगुणाण य कयरे२हितो अप्पा वा 4 ?, गोयमा ! सञ्बत्थोवा बेइंदियाणं जिभिदियस्त कक्खडगरुयगुणा फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणेहितो तस्स चेव मउयलहुयगुणा अणंतगुणा जिभिदियस्स मउयलहुयगुणा अणंतगुणा 16 / एवं जाय चउरिंदियत्ति, नवरं इंदियपरिवुड्डी कातव्वा, तेइंदियाणं घाणिदिए थोवे चउरिंदियाणं चक्खिदिए थोवे, सेसं तं चेव 20 / पंचिंदिय-तिरिवखजोणि