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________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं 11 ] [ 197 1 ग्रोवम्मसच्चा १०-जणवय 1 संमत 2 ठवणा 3 नामे 4 रूवे 5 पडुच्चसच्चे 6 य / ववहार 7 भाव 8 जोगे 1 दसमे श्रोवम्मसच्चे य 10 // 1 // 4 / मोसा णं भंते ! भासा पन्जत्तिया कतिविहा पन्नत्ता ?, गोयमा ! दसविहा पन्नत्ता, तंजहा-कोहणिस्सिया 1 माणनिस्सिया 2 मायानिस्सिया 3 लोहनिस्सिया 4 पेजणिस्सिया 5 दोसनिस्सिया 6 हासणिस्सिया 7 भयणिस्सिया 8 अक्खाइयाणिस्सिया 1 उवघाइयणिस्सिया १०-कोहे माणे माया लोभे पिज्जे तहेव दोसे य / हास भए अक्खाइय उवघाइयणिस्सिया दसमा // 1 // 5 / अपज्जत्तिया णं भंते ! भासा कइविहा पन्नत्ता ?, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सच्चामोसा य असच्चामोसा य 6 / सच्चामोसा णं भंते ! भासा अपज्जत्तिया कतिविहा पन्नत्ता ?, गोयमा ! दसविहा पन्नत्ता तंजहा-उप्पराणमिस्सिया 1 विगतमिस्सिया 2 उप्पराणविगतमिस्सिया 3 जीवमिस्सिया 4 अजीवमिस्सिया 5 जीवाजीवमिस्सिया 6 अणंतमिस्सिया 7 परित्तमिस्सिया 8 श्रद्धामिस्सिया 1 श्रद्धद्धामिस्सिया 10, 7 / असच्चामोसा णं भंते ! भासा अपजत्तिया कइविहा पन्नत्ता ?, गोयमा ! दुवालसविहा पन्नत्ता, तंजहा-श्रामंतणि 1 अाणमणी 2 जायणि 3 तह पुच्छणी यं 4 पराणवणी 5 / पञ्चक्खाणी भासा 6 भासा इच्छाणुलोमा, 7 य // 1 // श्रणभिग्गहिया भासा 8 भासा य अभिग्गहमि बोद्धव्वा 1 संसयकरणी भासा 10 वोगड 11 अब्बोगडा चेव 12 // 2 // 8 // // सूत्रं 165 // जीवा णं भंते ! किं भासगा अभासगा ?, गोयमा ! जीवा भासगावि अभासगावि 1 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चति-जीवा भासगावि प्रभासगावि ?, गोयमा ! जीवा दुविहा पत्नत्ता, तंजहा-संसारसमावराणगा य असंसारसमावराणगा य, तत्थ णं जे ते असंसारसमावराणगा ते णं सिद्धा सिद्धा णं अभासगा, तत्थ णं जे ते संसारसमावराणगा ते णं दुविहा
SR No.004367
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages408
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size10 MB
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