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________________ 106 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः // षष्ठो विभागः सुहुमवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखिजगुणा 82 सुहुमत्रपजत्तया विसेसाहिया 83 सुहुमवणस्सइकाइया पजत्तया संखिजगुणा 84 सुहुमपजत्तया विसेसाहिबा 85 सुहमा विसेसाहिया 86 भवसिद्धिया विसेसाहिया 87 निगोयजीवा विसेसाहिया 88 वणस्सइजीवा विसेसाहिया 81 एगिदिया विसेसाहिया 10 तिरिक्खजोणिया विसेसाहिया 11 मिच्छादिट्ठी विसेसाहिया 12 अविरया विसेसाहिया 13 सकसाई विसेसाहिया 14 छउमत्था विसेप्ताहिया 15 सजोगी विसेसाहिथा 16 संसारत्था विसेसाहिया 17 सव्वजीवा विसेसाहिया 18 / दारं 27 // सू० 13 // पन्नवणाए भगवईए तइयं बहुवत्तव्वयपयं समत्तं // // इति तृतीयं पदम् // 3 // // अथ श्री स्थितिनामकं चतुर्थ पदम् // नेरझ्याणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ?, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई 1 / अपज्जत्तनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पनत्ता ?, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं 2 / पजत्तगनेरइयाणं केवइयं कालं लिई पन्नत्ता ?, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई 3 / रयणप्पभा-पुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ?, गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं सागरोवमं 4 / अपजत्त-रयणप्पभा-पुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पनत्ता ?, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं 5 / पजत्त-रयणप्पभा. पुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ?, गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई उक्कोसेणं सागरोवमं अंतोमुहुत्तूणं 6 / सकरप्पभा-पुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पत्नत्ता ?, गोयमा !
SR No.004367
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages408
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size10 MB
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