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________________ श्रीमत्प्रज्ञापनोपाङ्ग-सूत्रम् :: पदं 3 ) [ 103 पुग्गला दबटुपएसट्टयाए संखिज्जपएसोगाढा पुग्गला दवट्ठयाए संखिजगुणा ते चेव पएसट्टयाए संखिज्जगुणा असंखिज्जपएसोगाढा पुग्गला दवट्ठयाए असंखिज्जगुणा ते चेव पएसट्ठयाए असंखिज्जगुणा 2 / एएसि णं भंते ! एगसमयठिइयाणं संखेज्जसमयठियाणं असंखिज्जसमयठिझ्याणं पुग्गलाणं दबट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! सव्वत्थोवा एगसमयठिझ्या पुग्गला दबट्टयाए संखिज्जसमयठिझ्या पुग्गला दवट्ठयाए संखिजगुणा असंखिज्जसमयठिझ्या पुग्गला दवट्ठयाए असंखिज्जगुणा पएसट्टयाए सब्वत्थोवा एगसमयठिझ्या पुग्गला पएसट्ठयाए संखिज्जसमयठिइया पुग्गला पएसट्टयाए संखेज्जगुणा असंखिज्जसमयठिझ्या पुग्गला पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा दबट्टपएसठ्याए सव्वत्थोवा एगसमयठिइया पुग्गला दबट्टपएसट्टयाए संखिज्जसमयठिझ्या पुग्गला दबट्टयाए संखिज्जगुणा ते चेव पएसट्टयाए संखिज्जगुणा असंखिज्जसमयठिझ्या पुग्गला दबट्टयाए असंखिज्जगुणा ते चेव पएसट्टयाए असंखिज्जगुणा 3 / एएसि णं भंते ! एगगुणकालगाणं संखिज्जगुणकालगाणं असंखिज्जगुणकालगागां अणंतगुणकालगाण य पुग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसट्टयाए य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?, गोयमा ! जहा पुग्गला तहा भाणियव्या, एवं संखिज्जगुणकालगाणवि, एवं सेसावि वराणा गंधा रसा फासा भाणियब्वा, फासाणं कक्खड-मउय-गुरुय-लहुयाणं जहा एगपएसोगाढाणं भणियं तहा भाणियव्वं 4 / श्रवसेसा फासा जहा वन्ना तहा भाणियबा 5 / दारं 26 // सू० 12 // अहं भंते ! सव्वजीवप्पबहुं महादराडयं वत्त(न)इस्लामि-सव्वत्थोवा गभवक्कंतिया मणुस्सा 1 मणुस्सीयो संखिज्जगुणायो 2 बायरतेउकाइया पज्जत्तया असंखिज्जगुणा 3 अणुत्तरोववाझ्या देवा असंखिज्जगुणा 4 उवरिमगेविज्जगा देवा संखिज्जगुणा 5
SR No.004367
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages408
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size10 MB
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