________________ श्रीजीवाजीवाभिगम-सूत्रम् :: अ० 1 प्रतिपत्तिः 3 / [ 275 पलियोवमाई ठिई पराणत्ता बाहिरियाए परिसाए देवाणं दिवट्ठ पलिश्रोवमं अभितरियाए परिसाए देवीणं दिवट्ठ पलिग्रोवमं ठिती पराणत्ता मज्झिमियाए परिसाए देवीणं पलियोवमं ठिती पराण त्ता, बाहिरियाए परिसाए देवीणं अद्धपलि ग्रोवमं ठिती पराणत्ता 4 / से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चति-चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो तो परिसातो पराणताश्रो, तंजहा-ममिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झिमिया चंडा बाहिरिया जाया ?, गोयमा ! चमरस्स णं असुरिदस्स असुररन्नो अभितरपरिसा देवा वाहिता हव्वमागच्छंति णो श्रव्याहिता, मभिमपरिसाए देवा वाहिता हव्वमागच्छंति श्रवाहितावि, बाहिरपरिसा देवा अव्वाहिता हव्वमागच्छति, अदुत्तरं च णं गोयमा ! चमरे असुरिदे असुरराया अन्नयरेसु उच्चावएसु कजकोडुबेसु समुप्पन्नेसु अभितरियाए परिसाए सद्धिं संमइसंपुच्छणाबहुले विहरइ मभिमपरिसाए सद्धि पयं एवं पवंचेमाणे 2 विहरति बाहिरियाए परिसाए सद्धि पयंडेमाणे 2 विहरति, से तेण?णं गोयमा ! एवं वुचइ-चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररगणो तो परिसायो पराणत्तायो, समिया चंडा जाता, अभितरिया समिया मज्झिमिया चंडा बाहिरिया जाता 5 // सू० 118 // कहि णं भंते ! उरिल्लाणं असुरकुमाराणं भवणा पराणता ?, जहा ठगणपदे जाव बली, एस्थ वइरोयणिंदे वइरोयणराया परिवसति जाव विहरति 1 / बलिस्स णं भंते ! वयरोयणिदस्स वइरोयणरन्नो कति परिसायो पराणत्तायो ?, गोयमा ! तिगिण परिसा, तंजहा-समिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झिमिया चंडा बाहिरिया जाया 2 / बलिस्स णं वइरोयणिदस्स वइरोयणरन्नो अभितरियाए परिसाए कति देवसहस्सा ? मज्झिमियाए परिसाए कति देवसहस्सा जाव बाहिरियाए परिसाए कति देविसया पराणत्ता ?, गोयमा ! बलिस्स णं वइरोयणिदस्स 2 अभितरियाए परिसाए वीसं देवसहस्सा पराणता,