________________ श्रीमदुपासकदशाङ्ग-सूत्रम् / अध्ययनं 1. ] [301 णं विहरइ 2 / नवरं निस्वसग्गायो एकारसवि उवासगपडिमायो तहेव भाणियब्वायो, एवं कामदेवगमेणं नेयव्वं जाव सोहम्मे कप्पे अरुणकीले विमाणे देवत्ताए उववन्ने चत्तारि पलिश्रोवमाइं ठिई महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ 3 // सू०५६॥ . दसराहवि पणरसमे संवच्छरे वट्टमाणाणं चिन्ता। दसराहवि वीसं वासाई समणोवासयपरियायो॥ एवं खलु जम्बू ! समणेणं जाव सम्पत्तेणं सत्तमस्स अगस्स उवासगदसाणं दसमस्स अज्झयणस्स . अयम? पराणत्ते // सू० 57 // ____ वाणियगामे चम्पा दुवे य. वाणारसीए नयरीए। पालभिया य पुरवरी कम्पिल्लपुरं च बोद्धव्वं / / 1 / / पोलासं रायगिहं सावत्थीए पुरीए दोन्नि भवे / एए उवासगाणं नयरा खलु होन्ति बोद्धव्वा // 2 // सिवनन्द भद्द सामा धन बहुल पूम अग्गिमित्ता य। रेवइ अस्सिणि तह फग्गुणी य भजाण नामाइं // 3 // प्रोहिराणाण पिसाए माया वाहिधणउत्तरिज्जे य / भजा य सुव्वया दुव्वया निरुवसग्गया दोन्नि // 4 // अरुणो अरुणाभे खलु अरुणप्पहयरुणकन्तसि? य। अरुणज्झए य छ8 भू(चू )यवडिंसे गवे कीले // 5 // चाली सट्टि असीई सट्ठी सट्ठी य सट्ठि दस सहस्सा / असिई चत्ता चत्ता एए वझ्याण य सहस्साणं // 6 // वारस अट्ठारस चउवीसं तिविहं अट्ठरसाइ नेयं / धन्नेण तिचोविसं बारम बारस य कोडीयो // 7 // उल्लणदन्तवणफले अभिङ्गणुव्वट्टणे सिणाणे य / वत्थ विलेवण पुप्फे याभरणं धूवपेजाइ // 8 // भक्खोयण सूय घए सागे माहुरंजेमणऽनपाणे य / तम्बोले इगवीसं पाणन्दाईण अभिग्गहा // 1 // उड्ड सोहम्मपुरे लोलूए अहे उत्तरे हिमवन्ते / पंचसए तह तिदिसिं श्रोहिगणाणं तु दसगणस्स // 10 // दंसण-वय-सामाइय पोसह-पडिमा. अबम्भ-सच्चित्ते। प्रारम्भ-पेस-उद्दिष्ट-वजए समणभए य // 11 // इकारस