________________ // अहम् // // पञ्चमगणभृत्श्रीमत्सुधर्मस्वामिप्रणीतं // ॥श्रीमदुपासकदशाङ्गसूत्रम् // // 1 // अथ श्री आनन्दाख्यं प्रथममध्ययनम् // // 8 // ते णं काले णं ते णं समए णं चम्पा नाम नयरी होत्था, वराणयो, पुणभद्दे चेइए, वराणयो॥ सूत्रं 1 // ते णं काले णं ते णं समए णं यजसुहम्मे समोसरिए जाव जम्बू पज्जुवासमाणे एवं वयासीजइ र भन्ते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव सम्पत्तेणं छट्ठस्स अगस्त नायाधम्मकहाणं अयमठे पराणत्ते सत्तमस्त णं भन्ते ! अङ्गस्स उवासगदसाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पराणते ?, एवं खलु जम्ब ! समणेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अगस्स उवासगदसाणं दस अज्झयणा पराणत्ता, तंजहा-पाणन्दे 1 कामदेवे य 2, गाहावइ चुलणीपिया 3 / सुरादेवे 4 चुल्लसयए 5, गाहावइ कुण्डकोलिए 6 // 1 // सद्दालपुत्ते 7 महासयए 8, नन्दिणीपियो 1 सालिहीपिया 10, 1 / जइ णं भन्ते ! समणेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अङ्गस्स उवासगदसगाणं दस अज्झयणा पराणत्ता, पढमस्स णं भन्ते ! समणेणं. जाव संपत्तेणं के अठे पराणत्ते ? 2 // सू० 2 // एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियगामे नाम नयरे होत्था, वराणो, तस्स णं वाणियगामस्स नयरस्स बहिया उत्तरपुरच्छि(त्थि)मे दिसीभाए दूइपलासए नामं चेइए, तत्थ णं वाणियगामे नयरे जियसत्तू राया होत्था वराणो, तत्थ गां वाणियगामे प्राणन्दे नाम