________________ 830 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः तृतीयो विभागः 3 // सूत्रं 660 ॥३दियमहाजुम्मसया समत्ता // 36 // 1-10--11-12 // छत्तीसतिमं सयं समत्तं // ____ // इति षट्त्रिंशत्तमं शतकम् // 36 // .. // अथ त्रीन्द्रियाख्यं सप्तत्रिंशत्तमं शतकम् // कडजुम्मरतेंदिया णं भंते ! कत्रो उववजंति ?, एवं तेईदिएसुवि बारस सया काव्या बेइंदियसयसरिसा नवरं योगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं तिनि गाउयाई 1 / ठिती जहन्नेणं एक्क समयं उकोसेणं एकूणवन्नं राइंदियाई सेसं तहेव 2 / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ 3 // सूत्र 861 // तेंदियमहाजुम्मसया समत्ता // 12 // सत्ततीसइमं सयं समत्तं // 37 // // अथ चतुरिन्द्रयाख्यं अष्टत्रिंशत्तमं शतकम् / / _ चउरिदिएहिवि एवं चेव बारस सया कायब्वा नवरं श्रोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उकोसेणं चत्तारि गाउयाई ठिती जहन्नेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासा सेसं जहा बेदियाणं 1 / सेवं भंते / 2. त्ति जाव विहरइ 3 // सूत्रं 862 // चरिंदियमहाजुम्मसया समत्ता // 12 // अट्टतीसइमं सयं समत्तं // 38 // // अथ असंज्ञिपञ्चेन्द्रियाख्यं एकोनचत्वारिंशत्तमं शतकम् / / * कडजुम्मर असन्निपंचिंदिया णं भंते ! कत्रो उववज्जति जहा बेंदियाणं तहेव असन्निसुवि बारस सया कायब्वा नवरं श्रोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं संचिट्ठणा जहन्नेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं पुवकोडीपुहुत्तं ठिती जहन्नेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं पुवकोडी सेसं जहा बेंदियाणं 1 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ 2