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________________ 742 / ___ ( श्रीमदागमसुधासिन्धुः / तृतीयो विभागः // अथ पंचविंशतितमशतके पंचमपर्यायोद्देशकः // ___ कतिविहा णं भंते ! पजवा पत्नत्ता ?, गोयमा ! दुविहा पजवा पराणत्ता, तंजहा-जीवपजवा य अजीवपजवा य, पजवपदं निरवसेग्में भाणियव्वं जहा पन्नवणाए // सूत्रं 746 // श्रावलियाणं भंते ! कि संखेजा समया असंखेज्जा समया अणंता समया ?, गोयमा ! नो संखेजा समया असंखेजा समया नो अणंता समया 1 / थाणापाणणं भंते ! कि संखेजा ? एवं चेव 2 / थोवे णं भंते ! कि संखेज्जा ?, एवं चेव 3 / एवं लवेधि मुहुत्तेवि एवं अहोरत्तेवि, एवं पक्खे मासे उडू अयणे संवच्छरे जुगे वाससय वासमहस्से वाससयसंहस्से पुव्वंगे पुव्वे तुडियंगे तुडिए अडडंगे अड? अववंगे अववे हुहुयंगे हुहुए उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पउमे नलिणंगे नलिगा अच्छिणिउपरंगे अच्छणिउतरे (अत्थनिपूरंगे अत्थनिपूरे, अथिनि भरंग अत्थनिन्भरे) अउयंगे श्रउये नउयंगे. नउए पउयंगे पउए चूलियंग चूलिए सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया पलिग्रोवमे सागरोवमे श्रोसप्पिा एवं उस्सप्पिणीवि 4 / पोग्गलपरियट्टे णं भंते ! किं संखेजा समया असंखेजा समया अणंता समया ? पुच्छा, गोयमा ! नो संखेजा समया नो असंखेजा समया अणंता समया, एवं तीयद्धायणागयद्धसव्वद्धा 5 / / श्रावलियायो णं भंते ! कि संखेजा समया. ? पुच्छा, गोयमा ! नो संखेजा समया सिय असंखिजा समया सिय अणंता समया 6 / श्राणा पाणूणं भंते ! किं संखेजा समया 3 ?, एवं चेव 7 / थोवाणं भंते ! कि संखेजा समया 3, एवं जाव भोसप्पिणीयोत्ति 8 | पोग्गलपरियट्टाणं भंते / कि संखेजा समयो ? पुच्छा, गोयमा ! णो संखेजा समया णो असंखेजा समया अणंता समया 1 / प्राणापाणूणं भंते ! किं संखेजात्रो भावनि यायो पुच्छा, गोयमा ! संखेजात्रो श्रावलियानो णो असंखिजाया श्रावलियायो नो अणंतायो श्रावलियायो, एवं थोवेवि एवं जाव सीम.
SR No.004364
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1977
Total Pages418
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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