________________ 736 ] . [ श्रीमदागमसुधासिन्धु :: तृतीयो विभागः कक्खडफासपज्जवेहिं किं कडजुम्मा पुच्छा, गोयमा ! श्रोघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा 4, विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलियोगावि 4, एवं मउयगरुयलहुयावि भाणियव्वा, सीयउसिणनिद्धलुक्खा जहा वन्ना 25 // सूत्रं 742 // परमाणुपोग्गले णं भंते ! कि सड्ढे अणड्ढे ?, गोयमा ! नो सङ्के अणड्ढे 1 / दुपएसिए णं पुच्छा, गोयमा ! सड्ढे नो अणड्ढे 2 / तिपएसिए जहा परमाणुपोग्गले, चउपएसिए जहा दुपएसिए, पंचपएसिए जहा तिपएसिए छप्पएसिए जहा दुपएसिए सत्तपएसिए जहा तिपएसिए अट्ठपएसिए जहा दुपएसिए नवपएसिए जहा तिपएसिए दसपएसिए जहा दुपएसिए 3 / संखेजपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा, गोयमा ! सिय सड्ढे सिय अणड्डे, एवं असंखेजपएसिएवि, एवं अणंतपएसिएवि 4 / परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं सड्ढा अणड्डा ?, गोयमा ! सड्ढा वा अणड्डा वा, एवं जाव अणंतपएसिया 5 ॥सूत्रं 743 // परमाणुपोग्गले णं भंते ! कि सेए निरेए ?, गोयमा! सिय सेए सिय निरेए, एवं जाव अणंतपएसिए 1 / परमाणुपोग्गला णं भंते ! कि सेया निरेया ?, गोंयमा ! सेयावि निरेयावि, एवं जाव अणंतपएसिया 2 / परमाणुपुग्गले णं भंते ! सेए कालयो केवचिरं होइ ?, गोयमा ! जहराणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं प्रावलियाए असंखेजइभागं 3 / परमाणुपोग्गले णं भंते ! निरेए कालयो केवचिरं होइ ?, गोयमा ! जहराणेणं एक्कं समयं उकोसेणं असंखेज्ज कालं, एवं जाव अणंतपएसिए 4 / पमाणुपोग्गला णं भंते ! सेया कालत्रो केवचिरं होंति ?, गोयमा ! सव्वद्धं 5 / परमाणुपोग्गला णं भंते ! निरेया कालश्रो केवचिरं होइ ?, गोयमा ! सव्वद्धं, एवं जाव अणंतपएसिया 6 / परमाणुपोग्गलस्स णं भंते ! सेयस्स कवतियं कालं अंतरं होइ ?, गोयमा ! सट्ठाणंतरं पडुच्च जहन्नेणं एक्कं समयं उकोसेणं असंखेज्ज कालं परटाणंतरं पडुच जहन्नेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं