________________ // अहम् // पञ्चमगणभृत्श्रीमत्सुधर्मा स्वामि-प्रणीतं ॥श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति-सूत्रम्॥ (श्रीमद्भगवती-सूत्रम्) (उत्तरार्धम्) // अथ त्रयोदशमशतके नारकाभिधः प्रथमोद्देशकः // पुढवी 1 देव 2 मणंतर 3 पुढवी 4 श्राहारमेव 5 उववाए 6 / भासा 7 कम्म 8 अणगारे केयाघडिया 1 समुग्घाए 10 // 1 // 1 / रायगिहे जाव एवं वयासी-कति णं भंते ! पुढवीयो पन्नत्तायो ?, गोयमा ! सत्त पुढवीश्रो पन्नत्ताश्रो, तंजहा-रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा 2 / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए केवतिया निरयावास-सयसहस्सा पराणत्ता ?, गोयमा ! तीसं निरयावास-सयसहस्सा पन्नत्ता 3 / ते णं भंते ! कि संखेजवित्थडा असंखेजवित्थडा ?, गोयमा ! संखेजवित्थडावि असंखेजवित्थडावि 4 / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावास-सयसहस्सेसु संखेजवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं केवतिया नेरइया उववज्जति 1 ? केवतिया काउलेस्सा उववज्जति 2 ? केवइया कराहपक्खिया उववजंति 3 ? केवतिया सुकपक्खिया उववजंति 4 ? केवतिया सन्नी उववज्जंति 5 ? केवतिया असन्नी उववज्जति 6 ? केवतिया भवसिद्धीया उववज्जंति