________________ "श्रीमव्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवति) सूत्र : शतकं 1 :: उ० है ) पाउलीकरेंति एवं परित्तीकरेंति दीहीकरेंति हस्सीकरेंति एवं अणुपरियट्टति एवं वीईवयंति-पसत्था चत्तारि अप्पसत्था चत्तारि 3 // सू० 72 // सत्तमे णं भंते ! अोवासंतरे किं गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयलहुए ?, गोयमा ! नो गुरुए नो लहुए नो गुरुयलहुए अगुरुयलहुए 1 / सत्तमे णं भंते ! तणुवाए किं गुरुए लहुए गुरुयलहुए श्रगुरुयलहुए ?, गोयमा ! नो गुरुए नो लहुए गुरुयलहुए नो अगुरुयलहुए 2 / एवं सत्तमे घणवाए सत्तमे घणोदही सत्तमा पुढवी, उवासंतराई सब्वाई जहा सत्तमे योवासंतरे, (सेसा) जहा तणुवाए, एवं अोवासवायघणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा 3 / नेरइया णं भंते ! कि गुरुया जाव अगुरुलहुया ?, गोयमा ! नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुयावि अगुरुयलहुयावि, से केस?णं ?, गोयमा ! वेउब्धियतेयाइं पडुच्च नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुया नो अगुरुयलहुया, जीवं च कम्मणं च पडुच नो गुरुया नो लहुया नो गुरुयलहया अगुरुयलहुया, से. तेणढणं जाव वेमाणिया, नवरं णाणलं जाणियव्वं सरीरेहिं 4 / धम्मत्थिकाए जाव जीवत्थिकाए चउत्थपएणं 5 / पोग्गलत्थिकाए णं भंते ! किं गुरुए लहुए गुरुयलहुए अगुरुयलहुए ?, गोयमा ! णो गुरुए नो लहुए गुरुयलहुएवि अगुरुयलहुएवि, से केण?णं ? गोयमा ! गुरुयलहुयदव्वाइं पडुच्च नो गुरुए नो लहुए गुरुयलहुए नो अगुरुयलहुए, ! अगुरुयलड्डयदव्वाइं पडुच्च नो गुरुए नो लहुए नो गुरुयलहुए अगुरुयलहुए, समया कम्माणि य चउत्थपदेणं 6 / कराहलेसा णं भंते ! किं गुरुया जाव अगुरुयलाया ?, गोयमा ! नो गुरुया नो लहुया गुरुयलहुयावि अगुरुयलहुयावि, से केणटेणं ?, गोयमा, दव्वलेसं पडुच्च ततियपदेणं भावलेसं पडुच्च चउत्थपदेणं, एवं जाव सुकलेसा 7 / दिट्टी-दसण-नाण-अन्नाण-सराणायो-चउत्थपदेणं णेयव्वाश्रो, हेट्ठिला चत्तारि सरीरा नेयव्वा ततियपदेणं, केम्म य