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________________ श्रीमद्व्याख्यात्रहप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्र : शतकं 11 : उ० 11.] [385 भाग-मुहुत्तभागेणं परिहायमाणी 2 जहनिया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, जदा णं जहनिया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ तया णं बावीस-सयभाग-मुहुत्तभागेणं दखिड्डमाणी 2 उक्कोसिया श्रद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवति 2 / कदा णं भंते ! उकोसिया श्रद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स राईए वा पोरिसी भवइ ? कदा वा जहन्निया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ ?, सुदंसणा ! जदा णं उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहनिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ तदा णं उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ जहन्निया तिमुहुत्ता राईए पोरिसी भवइ, जया णं उकोसिया अट्ठारसमुहुत्तिया राई भवति जहनिए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तदा णं उकोसिया श्रद्धपंचममुहुत्ता राईए पोरिसी भवइ जहन्निया तिमुहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ 3 / कदा णं भंते ! उकोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहनिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ ? कदा वा उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवति जहन्नए दुवासलमुहुत्ते दिवसे भवइ ?, सुदंसणा ! श्रासाढपुन्निमाए उक्कोसए श्रद्वारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहनिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, पोसस्स पुनिमाए णं उकोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ 4 / अस्थि णं भंते ! दिवसा य राईश्रो य समा चेव भवन्ति ?, हंता ! अस्थि 5 / कदा णं भंते ! दिवसा य राईश्रो य समा चेव भवन्ति ?, सुदंसणा ! चित्तासोयपुन्निमासु णं, एत्थ णं दिवसा य राईयो य समा चेव भान्ति, पनरसमुहुत्ते दिवसे पनरसमुहुत्ता राई भवइ चउभागमुहुत्तभाणा चउमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, सत्तं पमाणकाले 6 // सूत्रं 425 // से किं तं अहाउनिबत्तिकाले?, 2 जन्नं जेणं नेरइएण वा तिरिक्खजोणिएण वा. मणुस्सेण वा देवेण वा अहाउयं निव्वत्तियं सेत्तं पालेमाणे श्रहाउनियत्तिकाले / / से किं तं HERE भवाइ, पोमकासए श्रद्वारसालमहत्ते दिवसावा उकोसिया दिवसे भवा
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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