________________ 306 ] . . .--[ श्रीमदागमसुभासिन्धुः : द्वितीयो विभागः सकरप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 25 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा 26 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होजा 27 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 28 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा 21 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 30 अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 31 श्रहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा . 32 ग्रहवा एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 33 अहवा एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेमत्तमाए होजा 34 अहवा. एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 35, 6 / चत्तारि भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होजा ? पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होजा जाव अहेसत्तमाए वा होजा 7, अहवा एगे रयणप्पभाए तिनि सकरप्पभाए होजा अवा एगे स्यणप्पभाए तिन्नि वालुयप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए तिन्नि अहेसत्तमाए होजा 6 अहवा दो रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होजा एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा 12, अहवा तिन्नि रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होजा, एवं जाव अहवा तिन्नि रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 18, ग्रहवा एगे सकरप्पभाए तिनि वालुयप्पभाए होजा, एवं जहेव रयणप्पभाए उवरिमाहिं समं चारियं तहा सकरप्पभाएवि उवरिमाहि समं चारेयव्वं 15, एवं एक्केक्काए समं चारियव्वं जाव ग्रहवा तिनि तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा 12-1-6-3 (63) 7 / श्रहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो पंकप्पभाए होजा एवं जाव एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा 5 अहवा एगे रयणप्पभाए दो